नारायण चंद विश्वास बंगाली डॉक्टर के रूप में जाने जाते हैं। वह गांव में ही क्लीनिक का संचालन करते हैं। 23 वर्षीय नीलेश विश्वास दिल्ली रोड स्थित एक संस्थान में बी-फार्मा द्वितीय वर्ष का छात्र था। रविवार दोपहर नीलेश विश्वास ऊपर कमरे में गया। वह फांसी के फंदे पर झूल गया। मां श्रुति विश्वास ने छोटे बेटे सुमित को नीलेश को बुलाने के लिए बोला। सुमित ऊपर गया तो नजारा देखकर वह बदहवास हो गया।
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