समाजवादी पार्टी में इन नए दावेदारों से टिकट घोषणा गुत्थी उलझ गई है। सपा फिलहाल चुनाव के अधिसूचना जारी होने के इंतजार में है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद मंडल में सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन ने BJP का सुपड़ा साफ कर दिया था। 2014 में इस मंडल की सभी 6 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2019 में खाता तक नहीं खोल पाई थी।
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समाजवादी पार्टी ने मुरादाबाद, रामपुर और संभल सोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। वहीं BSP बिजनौर, अमरोहा और नगीना सीट पर विजयी हुई थी। लेकिन इस बार तीनों दलोंं की राहें जुदा हैं। BSP अकेले चुनाव लड़ रही है, जबकि SP का कांग्रेस तो RLD का BJP से गठबंधन है। बीजेपी ने मुरादाबाज मंडल की सभी 4 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। गठबंधन सीट बिजनौर से RLD ने भी प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सिर्फ मुरादाबाद संसदीय सीट पर कैंडिडेट घोषित होना बाकी है। इसके अलावा BSP ने भी मुरादाबाद, अमरोहा और बिजनौर सीट से उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिया है। वहीं दूसरी ओर संभल लोकसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित कर सपा ने दूसरे दलों के साथ अपने दावेदारों को भी चौंका दिया था। लेकिन संभल सीट से घोषित प्रत्याशी डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद समाजवादी पार्टी नए चेहरे की तलाश की जा रही है। हालांकि इस सीट से डॉ. बर्क के पोते कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान बर्क का कैंडिडेट बनना तय माना जा रहा है।
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वहीं रामपुर लोकसभा सीट से दावेदारों की लिस्ट लंबी है। इस सीट से आसिम राजा और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अजहर खां की पत्नी फात्मा जबी के नाम चर्चाओं में आगे है। वहीं दूसरी ओर मुरादाबाद सीट से रुचिवीरा की दावेदारी से टिकट के पुराने दावेदारों की मुश्किलें बढ़ गई है। रुचिवीरा ने मुरादाबाद के स्थानीय और लोकल नेताओं से सपर्क भी साधना शुरू कर दिया है। यही हाल बिजनौर और नगीना लोकसभा सीट का है। फिलहाल मंडल की 6 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर सपा में मंथन जारी है। यह भी पढ़ें
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समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां भले ही जेल में बंद है। लेकिन मुरादाबाद मंडल की लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन में उनकी दखल पूरी रहेगी। ऐसे में आजम खां से जिन नेताओं की नजदीकियां रहेगी। उनके टिकट की दावेदारी की राह आसान रहेगी।