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यूपी के इस शहर में नगर निगम के घोटाले को रोकेगी राष्ट्रीय भाषा हिंदी
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नहीं डाला गया था बेस जांच रिपोर्ट के मुताबिक देश-विदेश की नामचीन कंपनियों के नाम से तैयार कर बेची जा रही इन दवाओं में बेस नहीं डाला गया था। इनमें महंगी एंटीबायोटिक्स दवाएं, एलर्जिक क्रीम, दर्द निवारक दवाएं, इंजेक्शन, महंगी एंटासिड टेबलेट्स और महंगे सीरप शामिल हैं।
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इन जगहों पर होता था स्टोर
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जिला औषधि निरीक्षक राकेश मोहन दीपक के अनुसार आरोपी नकली दवा तैयार कराकर मलिन व घनी बस्तियों में भंडारण करते थे। दवा की सप्लाई के दौरान बेहद सावधानी बरती जाती थी। ऐसे में सप्लाई के लिए मुरादाबाद को मुख्य केंद्र बनाया हुआ था। जिससे दवा लेने वाली पार्टियों को भी उनकी सही लोकेशन की जानकारी न हो। मुरादाबाद से दवा को लेकर जाने वाले लोग दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल व बिहार तक भेज रहे थे। इन दवाओं का स्टाक बुलंदशहर, मेरठ, गाजियाबाद व नोएडा की मलिन व घनी बस्तियों में किया जाता था।
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कैराना उपचुनाव को लेकर भाजपा की हाईलेवल मीटिंग नकली दवाई का सबसे बड़ा भण्डार वहीँ औषधि आयुक्त डॉ ए के जैन के मुताबिक ये अब तक सूबे में नकली दवाइयों का सबसे बड़ा स्टाक है। जिसकी जानकारी शासन ने भी मांगी है।सभी जिलों की टीम को अलर्ट कर दिया गया है। ताकि वे अपने अपने यहां इस तरह के अभियान चलायें। फ़िलहाल ये रिपोर्ट भेज दी गयी है। ये सीधे सीधे लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा था।
कैराना उपचुनाव को लेकर भाजपा की हाईलेवल मीटिंग नकली दवाई का सबसे बड़ा भण्डार वहीँ औषधि आयुक्त डॉ ए के जैन के मुताबिक ये अब तक सूबे में नकली दवाइयों का सबसे बड़ा स्टाक है। जिसकी जानकारी शासन ने भी मांगी है।सभी जिलों की टीम को अलर्ट कर दिया गया है। ताकि वे अपने अपने यहां इस तरह के अभियान चलायें। फ़िलहाल ये रिपोर्ट भेज दी गयी है। ये सीधे सीधे लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा था।
ये हैं वो दवाईयां गुडसेफ,वाई क्लेब,सी-ए जेड,हेल्पीक्स-ओ,केव,वाई-क्लेव,क्लब,अल्ट्रासिप इनके अलावा भी कई एंटीबायोटिक मेडिसिन हैं। जो जांच में फेल हुई हैं।