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इस तकनीक की सबसे ख़ास बात यह है कि इसके जरिए स्मार्टफोन से सिम कार्ड निकाल देने या IMEI नंबर बदल देने के बाद भी ट्रैक किया जा सकेगा। सरकार के इस कदम के बाद आने वाले दिनों में अगर किसी व्यक्ति का स्मार्टफोन चोरी हो जाता है या खो जाता है तो वे थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद एक हेल्पलाइन नंबर के जरिए दूरसंचार विभाग ( DoT ) को इसकी जानकारी दे सकेंगे। इसके बाद CEIR की मदद से चोरी किए गए या गुम हुए स्मार्टफोन पर मौजूदा सभी तरह की सेवाओं को ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके बाद फोन ब्लॉक हो जाएगा और ये इस्तेमाल करने लायक भी नहीं रहेगा।
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टेलीकॉम विभाग ने DoT को जुलाई 2017 में CEIR प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद इसका ट्रायल सबसे पहले महााराष्ट्र में किया गया। इस ट्रायल से मिली सफलता के बाद सरकार इसे देश भर में जल्द ही पेश करने की तैयारी में है। इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 2019-2020 के अंतिम बजट में CEIR प्रोजेक्ट के लिए दूरसंचार विभाग को 15 करोड़ रुपये भी आवंटित कर दिए था। देश में बढ़ते मोबाइल फोन की समस्या को देखते हुए ये कदम उठाया गया है। अगर इस तकनीक को लागू कर दिया जाता है, तो फोन चोरी पर काफी हद तक लगाम लगाया जा सकेगा।