इस टेक्नोलॉजी से खोजेगा डिवाइस
सैमसंग ने इस एप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट थिंग्स फाइंड एप में ब्लूटूथ लो एनर्जी (BLE) और अल्ट्रा-वाइडबैंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। इस टेक्नोलॉजी से यह एप खोए हुए गैलेक्सी डिवाइस को लोकेट करेगा। डिवाइस को लोकट करने के बाद यह एप यूजर को मैप और साउंड की जरिए खोये हुए डिवाइस तक पहुंचा देगा।
सैमसंग ने इस एप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट थिंग्स फाइंड एप में ब्लूटूथ लो एनर्जी (BLE) और अल्ट्रा-वाइडबैंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। इस टेक्नोलॉजी से यह एप खोए हुए गैलेक्सी डिवाइस को लोकेट करेगा। डिवाइस को लोकट करने के बाद यह एप यूजर को मैप और साउंड की जरिए खोये हुए डिवाइस तक पहुंचा देगा।
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सैमसंग का यह अनोखा एप एंड्रॉयड 8 और उससे बाद के ओएस पर काम करने वाले गैलेक्सी स्मार्टफोन्स और टैबलेट को ही सपोर्ट करता है। इसके अलावा यह उन गैलेक्सी वॉचेज में भी काम करेगा, जिनमें Tizen 5.5 या उससे बाद के ओएस होंगे। बताया जा रहा है कि गैलेक्सी बड्स प्लस और गैलेक्सी बड्स लाइव को इस फीचर के लिए ओएस अपडेट मिलना शुरू हो चुका है।
सैमसंग का यह अनोखा एप एंड्रॉयड 8 और उससे बाद के ओएस पर काम करने वाले गैलेक्सी स्मार्टफोन्स और टैबलेट को ही सपोर्ट करता है। इसके अलावा यह उन गैलेक्सी वॉचेज में भी काम करेगा, जिनमें Tizen 5.5 या उससे बाद के ओएस होंगे। बताया जा रहा है कि गैलेक्सी बड्स प्लस और गैलेक्सी बड्स लाइव को इस फीचर के लिए ओएस अपडेट मिलना शुरू हो चुका है।
BLE सिग्नल करेगा ढूंढने में मदद
सैमसंग ने इस एप की डिटेल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि खोये हुए डिवाइस के 30 मिनट तक ऑफलाइन रहने के बाद उसमें से BLE सिग्नल निकलने लगते हैं। ये सिग्नल दूसरे डिवाइस रिसीव कर सकते हैं। इसके बाद स्मार्टथिंग्स एप को उस सिग्नल के साथ यूज किया जा सकता है, जिसे आप खोए हुए डिवाइस को सर्च करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
सैमसंग ने इस एप की डिटेल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि खोये हुए डिवाइस के 30 मिनट तक ऑफलाइन रहने के बाद उसमें से BLE सिग्नल निकलने लगते हैं। ये सिग्नल दूसरे डिवाइस रिसीव कर सकते हैं। इसके बाद स्मार्टथिंग्स एप को उस सिग्नल के साथ यूज किया जा सकता है, जिसे आप खोए हुए डिवाइस को सर्च करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
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खोये हुए डिवाइस के नजदीक पहुंचने के बाद आप चाहें को उस डिवाइस को ‘रिंग’ करा सकते हैं। इसके अलावा AR आधारित सर्च के जरिए भी डिवाइस तक पहुंच सकते हैं। आपके डिवाइस के डेटा को कोई नुकसान नहीं होगा। इसमें यूजर का डेटा एन्क्रिप्शन के कारण पूरी तरह सेफ रहता है।
खोये हुए डिवाइस के नजदीक पहुंचने के बाद आप चाहें को उस डिवाइस को ‘रिंग’ करा सकते हैं। इसके अलावा AR आधारित सर्च के जरिए भी डिवाइस तक पहुंच सकते हैं। आपके डिवाइस के डेटा को कोई नुकसान नहीं होगा। इसमें यूजर का डेटा एन्क्रिप्शन के कारण पूरी तरह सेफ रहता है।