इस आदेश को लाइसेंस एग्रीमेंट के चैप्टर IX के लाइसेंस शर्त नंबर 7.12 के तहत जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक हित में लाइसेंस धारक इंटरनेट साइट्स / यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटरों (URL), यूनिफॉर्म रिसोर्स आइडेंटिफायर (URI) को समय-समय पर ब्लॉक किया जा सकता है।
WeTransfer ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि इस वक्त भारत में हमे ब्लॉक कर दिया जाएगा, जिसकी वजह जानने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं एक एथिकल हैकर्स के टीम ने दावा किया है कि डिजिटल पेमेंट Bhim App के यूजर्स से जुड़ी करीब 72.6 लाख रिकॉर्ड्स एक वेबसाइट पर लीक किए गए हैं। हालांकि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइ) की तरफ से साफ किया गया है कि किसी का डेटा सार्वजनिक नहीं हुआ है।
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बता दें कि WeTransfer को साल 2009 में नीदरलैंड में लॉन्च किया गया था। इस वेबसाइट की मदद से यूजर्स एक साथ फ्री में 2 जीबी साइज तक की फाइल शेयर कर सकते हैं। वहीं अगर पेमेंट करते हैं तो 20 जीबी तक की फाइल एक देश से दुनिया के किसी भी कोने में भेज सकते हैं। गौरतलब है कि WeTransfer के ब्लॉक होने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स WeTransfer के बैन होने की शिकायत कर रहे हैं। अगर मोबाइल या Wi-Fi से We Transfer वेबसाइट ओपेन करते हैं तो ‘this site can’t be reached’ का मैसेज पेज पर दिखाई देगा।