रक्षा मंत्रालय ने इस एप के बारे में जानकारी शेयर करते हुए बताया कि आर्मी द्वारा बनाया गया यह मैसेजिंग एप व्हाट्सएप, टेलिग्राम, SAMVAD और GIMS जैसा ही है। इंडियन आर्मी के इस एप में सिक्योरिटी फीचर्स का इस्तेमाल किया गया है। यह एप एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन मैसेजिंग प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है। मतलब इसका डेटा कोई थर्ड पार्टी नहीं ले सकती है। जिसको मैसेज भेजा गया है और जिसने मैसेज भेजा है, सिर्फ वही इसे पढ़ पाएंगे। एप डेवलेपर्स भी उस मैसेज को नहीं पढ़ सकते। मंत्रालय का कहना है कि SAI लोकल इन-हाउस सर्वर और कोडिंग के साथ सिक्योरिटी फीचर्स के साथ अन्य एप्स से बेहतर है। साथ ही इन फीचर्स को जरूरत के मुताबिक बदला भी जा सकता है।
मंत्रालय ने एक बयान जारी कहा है कि इस एप को CERT-in और आर्मी साइबर ग्रुप के पैनल ऑडिटर्स द्वारा परखा गया है। वहीं अभी NIC पर इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) के लिए फाइलिंग पर काम जारी है। बता दें कि फिलहाल इसे एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म के लिए ही जारी किया गया है। iOS प्लेटफॉर्म के लिए इस एप पर काम चल रहा है। जल्द ही यह एप iOS प्लेटफॉर्म के लिए जारी कर दिया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि नए एप SAI को पूरी आर्मी में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे इस सर्विस के साथ सिक्योर मैसेजिंग की शुरुआत हो सके। वहीं रक्षा मंत्री ने इस एप का रिव्यू किया और कर्नल साई शंकर को एप बनाने के लिए बधाई दी।