संसदीय समिति रिपोर्ट में कहा गया है कि Social media कंपनियां उन अकाउंट पर ध्यान दें जो बाल शोषण कंटेंट को दिखा रहे हैं और उसपर कड़ी कार्रवाई करते हुए रोक लगाए। साथ ही बाल शोषण कंटेंट को फैलाने वाले यूजर्स की जानकारी भी सरकार को साझा करें। सरकार ने फेसबुक, ट्विटर, टिक टॉक, शेयर चैट, यूट्यूब समेत अन्य सोशल मीडिया कंपनियों को किसी भी तरह के आपत्तिजनक पोस्ट, वीडियो या फिर तस्वीर शेयर करने वाले यूजर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और अकाउंट ब्लॉक करने का आदेश भी दिया है।
बता दें कि अमेरिकी संस्था नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉयटेड चिल्ड्रेन ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को आंकड़ा जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी है कि भारत में पिछले 5 महीने में 25 हजार संदिग्ध चाइल्ड पॉर्नोग्राफिक्स मैटेरियल्स सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए हैं, जो बहुत बड़े खतरे की घंटी है। इस आंकड़े से पता चलता है कि भारत में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी कितनी बड़ी समस्या बन चुका है। वहीं गृहमंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि सोशल मीडिया पर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी मैटेरियल्स को अपलोड करने के मामले में दिल्ली पहले नंबर पर है। इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल आता है।