नई दिल्ली: जैसा कि आप सभी ने देखा कि भारत चीन के तनाव ( India China tension ) के चलते भारत सरकार ने बीते सोमवार को 59 चाइनीज ऐप्स ( Chinese apps ) ( Chinese apps ban ) ( 59 Chinese Apps Banned in India ) पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इन एप्स का इस्तेमाल इन एप्स का इस्तेमाल करना भारत में पूरी तरह से बैन होगा। भारत में इन एप्स के कई सारे ऑप्शन मौजूद है ऐसे में भारतीयों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। हालांकि अब भारत सरकार चाइनीज एप्स पर बैन लगाने के बाद 5G तकनीक ( 5G technology ) ( 5G technology ban in India ) को भी चीन से बाहर का रास्ता दिखाना चाहती है।
आपको बता दें कि इस संबंध में सोमवार को शीर्ष मंत्रियों की एक बैठक हुई है जिसमें 5G तकनीक को लेकर बात हुई है। दरअसल अब केंद्र सरकार 5G तकनीक से चीनी कंपनियों को बाहर धकेलना चाहती हैं जिससे भारत में उनका मार्केट खराब हो सके। इस संबंध में भारत सरकार हुआ वे जैसी कंपनी को 5G तकनीक के मामले में भारत से दूर रखना चाहती है।
तभी इस मीटिंग में किस तरह की बातें हुई है इस बात का खुलासा नहीं हो सका है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कई अन्य चीनी कंपनियों के 5जी तकनीक में हिस्सेदारी लेने को लेकर बात हुई है। भारत में कोरोनावायरस की वजह से 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी को सरकार ने 1 साल तक के लिए रोक दिया है ऐसे में कई टेलीकॉम कंपनियों ( telecom sector ) की आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा खराब हो गई है ऐसे में यह कंपनियां नीलामी में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
जो कंपनियां इस बार नीलामी में हिस्सा नहीं लेंगे उनमें टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया शामिल है जो इस समय काफी बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। पिछले दिनों टेलीकॉम विभाग ने बीएसएनएल ( bsnl )को कहा था कि वह 4जी तकनीक के लिए उपकरणों की खरीद चीनी कंपनियों से ना करें हालांकि बीएसएनल की ऐसी राय है कि यदि चीनी कंपनियों को बोली से दूर रखा जाएगा तो इससे उनकी लागत बढ़ जाएगी।
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका भी उन्हें अपने देश से बैन करना चाहता है और हुवावे को अमेरिका ने पहले ही 1 साल के लिए बैन कर रखा है यही नहीं अमेरिका की ओर से ब्रिटेन और भारत जैसे देशों को भी हुआ बे पर बैन के लिए सहमत करने का प्रयास किया जा रहा है। भारत सरकार चीन से तनाव को लेकर अब फ्रंट फुट पर आ चुकी है और कड़े फैसले लिए जा रहे हैं जिससे चीन को सबक सिखाया जा सके।