नई दिल्ली। मंदिरो में जाने का एकमात्र उद्देश्य होता है भगवान के दर्शन करना लेकिन दर्शन के साथ ही अगर वो मंदिर अपनी कलात्मकता और सौन्दर्य के साथ मन को भा जाएं तो फिर क्या कहने और बात यदि भारत के कलाकृति की हो तो इतिहास गवाह है कि ये हमेशा से ही उच्च स्थान पर रहा है।
आज भी हम एक ऐसे ही मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो कि भारत के बाहर पहला सबसे बड़ा मंदिर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आबू धाबी के दौरे पर जा रहे हैं। यहां वो पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखेंगे, इस मंदिर के डिजाइन और मैनेजमेंट का दायित्व स्वामीनारायण संस्था को सौंपा गया है।
आपको बता दें कि स्वामीनारायण संस्था के दुनियाभर में कई मंदिर मौजूद हैं और इन मंदिरों में अमेरिका के न्यूजर्सी में स्थित ये मंदिर भारत के बाहर पहला सबसे बड़ा मंदिर है। क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से ये दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। इस मंदिर में लगे 13,499 पत्थरों को भारत से न्यूजर्सी भेजा गया था। इन सभी पत्थरों में भारतीय कलाकारों द्वारा नक्काशी की गई है। करीब एक हज़ार करोड़ रूपए की लागत से बनाई गई ये मंदिर न्यूजर्सी के रॉबिंसविले में स्थित है।
ये मंदिर मंदिर 134 फुट लंबा और 87 फुट चौड़ा है, इसमें 108 खंभे और तीन गर्भगृह हैं। इस मंदिर में 68 हजार क्यूबिक फीट इटालियन करारा मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। आपको बता दें कि भारत में सबसे बड़ा मंदिर तमिलनाडु के श्रीरंगम में स्थित है जो कि करीब 156 एकड़ में बना हुआ है और न्यूजर्सी में स्थित ये मंदिर 162 एकड़ में बनेगा।
इस मंदिर की नींव कुछ इस तरह से रखी गई है कि आज से करीब हज़ारों साल के बाद भी ये मंदिर जस का तस ही खड़ा रहेगा। ये अक्षरधाम मंदिर अमेरिका के न्यूजर्सी के अलावा और भी कई स्थानों पर स्थित है जैसे कि एटलांटा, ह्यूस्टन, शिकागो, लॉस एंजिलिस सहित कनाडा के टोरंटो में भी ये मंदिर हैं। तैयार किए जा रहे इस मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने करवाया है।