अमरीका के न्यू जर्सी शहर में बन रहे इस मंदिर को बनाने में तक़रीबन 18 मिलियन अमरीकी डॉलर का खर्च आ रहा है। गौर देने योग्य बात यह है कि न्यू जर्सी में बन रहे इस मंदिर का निर्माण भी स्वामी नारायण संस्था के द्वारा किया जा रहा है। यह मंदिर करीब 162 एकड़ में फैला हुआ है। इस मंदिर के निर्माण के लिए राजस्थान के करीब 2000 कलाकारों अपने हाथों की कलाकारी दिखाई है जिन्होंने संयुक्त रूप से राजस्थानी और इटालियन मार्बल को हाथों से तैयार किया है।
मंदिर की कलात्मक डिजाइन के लिए 13,499 हजार पत्थरों का उपयोग किया गया है। पत्थरों पर नक्काशी का पूरा काम भारत में ही करवाया गया है। नक्काशी का काम पूरा हो जाने के बाद इन्हें समुद्री रास्ते से न्यूजर्सी पहुंचाया गया था। बताया जा रहा है कि साल 2014 में इस मंदिर के एक हिस्से का उद्घाटन भी किया जा चुका है। मंदिर से जुड़े सूत्रों के अनुसार इसे बनाने में शिल्प शास्त्र की मदद ली जा रही है। संस्था का कहना है कि इस शास्त्र से दशकों से किसी मंदिर का निर्माण नहीं किया गया है। ईमारत निर्माण की इस विधि को पौराणिक काल में काफी उपयोग में लाया जाता था, जिसके तहत हस्त शिल्प का प्रयोग किया जाता था।
बता दें कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दुनिया के सबसे बड़े मंदिर का खिताब भारत की राजधानी दिल्ली में बने अक्षरधाम मंदिर के नाम दर्ज़ है। जोकि क्षेत्रफल(59 एकड़) की द्रष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण भी निर्माण स्वामी नारायण संस्था द्वारा ही करवाया गया था।