क्रिस्टी के एशिया पैसिफिक के चेयरमैन विकी सेक ने खुलासा किया कि इस डायमंड को ‘सकुरा’ ( Sakura ) के रूप में जाना जाता है। यह भी पढ़ेँः तो क्या 26 मई से भारत में बंद हो जाएंगे ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, सामने आई ये वजह
ये है ‘सकुरा’ का मतलब
‘सकुरा’ चेरी ब्लॉसम का जापानी शब्द है, जो वसंत की शुरुआत में बहुत कम अवधि के लिए खिलता है। सकुरा की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वह नीलामी में प्रदर्शित किया गया अब तक का सबसे बड़ा पर्पल-पिंक (Purple Pink Diamond ) हीरा है।
‘सकुरा’ चेरी ब्लॉसम का जापानी शब्द है, जो वसंत की शुरुआत में बहुत कम अवधि के लिए खिलता है। सकुरा की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वह नीलामी में प्रदर्शित किया गया अब तक का सबसे बड़ा पर्पल-पिंक (Purple Pink Diamond ) हीरा है।
इसके साथ ही अब ये सबसे अधिक कीमत पर बिकने वाला पर्पल-पिंक हीरा भी बन गया है। हीरे को प्लैटिनम की एक अंगूठी में फिक्स करके नीलाम किया गया है। ‘फैंसी विविड’ भी कह रहे लोग
दुनिया के सबसे बड़े पर्पल-पिंक डायमंड सकुरा को ‘फैंसी विविड’ भी कहा जा रहा है। इसका मतलब उस चमकते हुए रंग से है, जो महज 4 फीसदी गुलाबी हीरों में पाया जाता है।
दुनिया के सबसे बड़े पर्पल-पिंक डायमंड सकुरा को ‘फैंसी विविड’ भी कहा जा रहा है। इसका मतलब उस चमकते हुए रंग से है, जो महज 4 फीसदी गुलाबी हीरों में पाया जाता है।
हीरे की नीलामी से संबंधित जानकारी ऑक्शन हाउस क्रिस्टीज ने दी है। क्रिस्टीज के मुताबिक क्रिस्टीज ज्वेलरी डिपार्टमेंट की चेयरमैन वाइकी सेक ने रविवार को हुई इस बिक्री को ‘ज्वेलरी नीलामी के इतिहास का अहम अध्याय’ करार दिया है।
इसलिए खास है सकुरा
सकुरा बाकी हीरों से इसलिए भी अलग है, क्योंकि इसका आकार काफी बड़ा है। क्रिस्टीज के मुताबिक गुलाबी हीरों में 10 फीसदी से भी कम ऐसे होते हैं, जिनका वजन कैरेट के पांचवें हिस्से से अधिक होता है। जबकि सकुरा का वजन इससे भी आठ गुना ज्यादा है।
सकुरा बाकी हीरों से इसलिए भी अलग है, क्योंकि इसका आकार काफी बड़ा है। क्रिस्टीज के मुताबिक गुलाबी हीरों में 10 फीसदी से भी कम ऐसे होते हैं, जिनका वजन कैरेट के पांचवें हिस्से से अधिक होता है। जबकि सकुरा का वजन इससे भी आठ गुना ज्यादा है।
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आपको बता दें कि एक वर्ष में ये दूसरी बार है जब पर्पक-पिंक हीरे की नीलामी हुई है। पिछले वर्ष ऐसा ही 14.8 कैरेटे का ‘द स्पिरिट ऑफ द रोज’ नाम का डायमंड नीलाम किया गया था। ये हीरा 196 करोड़ रुपए में नीलाम हुआ था। इस बार बीके सकुरा हीरे ने इसका रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। कैरेट के साथ कीमत के मामले में भी ये सकुरा आगे निकल गया।
आपको बता दें कि एक वर्ष में ये दूसरी बार है जब पर्पक-पिंक हीरे की नीलामी हुई है। पिछले वर्ष ऐसा ही 14.8 कैरेटे का ‘द स्पिरिट ऑफ द रोज’ नाम का डायमंड नीलाम किया गया था। ये हीरा 196 करोड़ रुपए में नीलाम हुआ था। इस बार बीके सकुरा हीरे ने इसका रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। कैरेट के साथ कीमत के मामले में भी ये सकुरा आगे निकल गया।
जानकारों की मानें तो ऐसा जरूरी नहीं है कैरेट ज्यादा होने की वजह से कीमत बढ़ जाती है, इसके लिए हीरे की क्वालिटी, कट और क्लिअरिटी अच्छी होना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि इससे पहले 2017 में 59.6 कैरेट का गुलाबी रंग का हीरा 522 करोड़ रुपए में बिका था, जिसे सुनार चाउ ताई ने खरीदा था। उन्होंने इस हीरे का नाम ‘सीटीएफ पिंक स्टार’ रख दिया था।