इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ( WHO ) ने बड़ा अलर्ट जारी किया है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना से जंग में 2020 के मुकाबले 2021 ज्यादा मुश्किलों वाला या कठिन साबित हो सकता है।
कोरोना से जंग में भारत को मिली एक और बड़ी कामायबी, दुनिया के खास एमएनआरए तकनीक पर आधारित टीका किया तैयार, जानिए इसके फायदे दुनिया को कोरोना संक्रमण से थोड़ी राहत मिली है। मामले कम हुए हैं, साथ ही कई देशों में टीकाकरण भी शुरू हो चुका है। भारत में भी 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। इसको लेकर देशभर में तैयारियों को दौर अंतिम चरण में पहुंच गया है। भारत में तैयार दोनों टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन देश के तमाम शहरों में लगातार पहुंच रहे हैं।
इस सबके बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना महामारी का दूसरा साल पहले की तुलना में ज्यादा कठिन हो सकता है। डब्ल्यूएचओ हेल्थ इमर्जेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइकल रेयान ने कहा कि कोरोनो वायरस महामारी का दूसरा वर्ष ट्रांसमिशन डायनामिक्स पर पहले की तुलना में अधिक कठिन हो सकता है।
रयान ने बुधवार देर शाम एक सवाल-जवाब सत्र के दौरान कहा, “हम दूसरे वर्ष में जा रहे हैं, यह ट्रांसमिशन डायनेमिक्स और कुछ मुद्दों को देखते हुए कठिन हो सकता है।” जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 मार्च को COVID-19 के प्रकोप को एक महामारी घोषित किया था। अब तक दुनिया में 9.21 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोनो वायरस से संक्रमित हैं। इनमें से 19.7 लाख मरीजों की स्थिति अधिक घातक है।
घर में स्टॉक कर लें जरूरी चीजें, मौसम विभाग ने देश के इन राज्यों में हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच जारी किया बारिश का अलर्ट ये होता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन
कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब शुरू होता है, जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाए, लेकिन यह पता न चले कि वह व्यक्ति संक्रमित कैसे हुआ। यानी जब उसके संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चलेगा तो इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन माना जाएगा।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब शुरू होता है, जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाए, लेकिन यह पता न चले कि वह व्यक्ति संक्रमित कैसे हुआ। यानी जब उसके संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चलेगा तो इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन माना जाएगा।