लंदन. 42 सालों में दुनियाभर में 58 फीसदी जीव-जन्तु लुप्त हो चुके हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन ने रिपोर्ट जारी की है। – 42 सालों में 58 फीसदी जीव-जन्तु लुप्त हो चुके हैं – 67 फीसदी तक पहुंच जाएगा लुप्त होने का आंकड़ा 2020 तक – 70 फीसदी पानी खराब हो चुका है, जीव-जन्तुओं के लायक भी नहीं रहा – 1/3 जंगल खत्म हो चुके हैं – 38 फीसदी हाथी मर जाएंगे 2022 तक दुनियाभर में – 81 फीसदी मेंढक नहीं रहेंगे 2022 तक – 36 फीसदी मच्छलियां नहीं रहेंगी 2022 तक भारत में खतरनाक स्थिति -70 फीसदी भारत में पानी प्रदूषित हो चुका है – 60 फीसदी जमीन का जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है। दस सालों में होगा सूखा – 25 फीसदी जमीन बंजर हो चुकी है ..तो ये इतिहास बनकर रह जाएंगे – 07 फीसदी पक्षियों पर लुप्त होने का खतरा – 41 फीसदी गाय, भैंस, ऊंट व बकरी आदि पशुओं को खोने का डर – 46 फीसदी रेंगने वाले जन्तु गायब हो सकते हैं – 70 फीसदी मच्छलियां मर सकती हैं क्या हैं कारण – जानवरों का अवैध कारोबार – जंगलों को खत्म किया जाना – नदियों की सफाई न होना – क्लाइमेट चेंज – प्राकृतिक संसाधनों का दोहन