दुनियाभर में कोरोना महामारी (Coronavirus) के अलावा इस समय अगर किसी बात की सबसे अधिक चर्चा है, तो वह इजराइल और फिलीस्तीन के बीच चल रहा अघोषित युद्ध है। जी हां, करीब दस दिन पहले इजराइल और फिलीस्तीन के बीच हुई हिंसक झड़प अब भयंकर युद्ध में तब्दील होती दिख रही है। इजराइल का दावा है कि उसके शहरों पर गाजा की ओर से आतंकी संगठन हमास रोज रॉकेट से हमले कर रहा है, वहीं गाजा का आरोप है कि इजराइल रोज बम और रॉकेट बरसाकर उनके लोगों को मार रहा है।
बहरहाल, सच क्या है। कौन सही है और कौन गलत, यह तक तर्क-वितर्क का विषय है। मगर हम आपको इजराइल और फिलीस्तीन के बीच कुछ तनावपूर्ण मुद्दों में से एक यरुशलम शहर के बारे रोचक तथ्य बताने वाले हैं। इसमें आप जानेंगे कि यरुशलम शहर का वह क्षेत्र जो इस विवाद की जड़ है और इस बार भी विवाद उसी हिस्से से शुरू हुआ। उस इलाके के हालात और वहां रहने वालों की मुसीबतों पर रोशनी डालते हैं। तो आइए जानते हैं दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक यरुशलम से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण और दिलचस्प जानकारियां—
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एक प्राचीन शहर जो आज चार हिस्सों में बंटा हैसबसे पहले आप यह जान लें कि यरुशलम दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। यह चार हिस्सों में बंटा है और प्रत्येक को क्वॉर्टर कहते हैं। ये चार हिस्से हैं यहूदी, आर्मेनियाई, मुस्लिम और इसाई। इसमें सबसे बड़ा क्वॉर्टर मुस्लिम का है। हालांकि, कहा जाता है कि यहां रहने वाले मुस्लिमों की जिंदगी तंग और मुसीबतों से भरी होती जा रही है। वहीं, यहूदियों और इसाइयों की जिंदगी बेहतर होती जा रही है।
विवाद की कई वजहें, मगर एक यह भी है
दरअसल, इजराइल ने हाल ही में इस यरुशलम शहर को अपनी राजधानी घोषित किया है और तभी से शुरू हुआ विवाद अब धीरे-धीरे बढक़र खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यरुशलम के एक हिस्से को फिलीस्तीन अपना हिस्सा बताता है।
दरअसल, इजराइल ने हाल ही में इस यरुशलम शहर को अपनी राजधानी घोषित किया है और तभी से शुरू हुआ विवाद अब धीरे-धीरे बढक़र खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यरुशलम के एक हिस्से को फिलीस्तीन अपना हिस्सा बताता है।
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शहर का सबसे खराब इलाका, जिसे स्लम कहना शायद ठीक होयरुशलम में जो मुस्लिम क्वॉर्टर है, वह क्षेत्र सबसे तंग है और यह इस शहर का सबसे सघन इलाका है। यह क्षेत्र 31 हेक्टेयर यानी 77 एकड़ में फैला है। इसे स्लम यानी झुग्गी-बस्ती कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि इसकी बड़ी वजह है कि मुस्लिमों की आबादी यहां लगातार बढ़ रही है और जगह बहुत कम है। वे छोटे-छोटे मकानों में रहने को मजबूर हैं। अगर वे अपने घर में कोई बदलाव करना चाहते हैं, तो प्रशासनिक अधिकारी उन्हें इसकी अनुमति नहीं देते। यरुशलम शहर के उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र में बसा यह इलाका काफी गंदा और भीड़-भाड़ वाला भी है। मुस्लिम क्वॉर्टर क्षेत्र में मकान बहुत छोटे होते हैं। आबादी इतनी अधिक है कि लोग रोज की दिनचर्या यानी सोना, बाथरूम जाना, पढ़ाई करना और ऐसे ही कई और जरूरतें शिफ्ट में पूरे करते हैं। हालांकि, मुस्लिम क्वॉर्टर क्षेत्र में इसाई और यहूदी भी रहते हैं, मगर इनकी संख्या बहुत कम है।
यहां रहने वाले परेशानी से तंग हैं, मगर दूसरी जगह बस भी नहीं सकते
मुस्लिम क्वॉर्टर में रहने वाले कुछ लोग यहां की परेशानियों से तंग होकर बड़ी जगह की तलाश में वेस्ट बैंक क्षेत्र में रहने के लिए चले गए, मगर उन्हें वहां से जल्द ही लौटना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि इजराइल सरकार ने मुस्लिम क्वॉर्टर छोडक़र वेस्ट बैंक में बसने वालों के नाम रेसिडेंसी लिस्ट से हटाने शुरू कर दिए थे।
मुस्लिम क्वॉर्टर में रहने वाले कुछ लोग यहां की परेशानियों से तंग होकर बड़ी जगह की तलाश में वेस्ट बैंक क्षेत्र में रहने के लिए चले गए, मगर उन्हें वहां से जल्द ही लौटना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि इजराइल सरकार ने मुस्लिम क्वॉर्टर छोडक़र वेस्ट बैंक में बसने वालों के नाम रेसिडेंसी लिस्ट से हटाने शुरू कर दिए थे।
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लोग गरीब हैं, तो जिंदगी की तरह व्यापार की हालत भी खराबचूंकि इस इलाके में ज्यादातर लोग गरीब हैं, तो बाजार भी ज्यादा अच्छे नहीं हैं, क्योंकि लोगों के पास पैसा नहीं है खर्च करने को या अच्छी चीजें खरीदने को। ऐसी कई और वजहें हैं, जिनकी वजह से फिलीस्तीन का इजराइल के साथ इस क्षेत्र को लेकर विवाद चला आ रहा है। यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि मुस्लिम होने की वजह से उनकी जिंदगी जानबूझकर बदतर बनाई जा रही है।
फिलहाल पिछले दिनों यरुशलम में बढ़ा तनाव भी इसी क्षेत्र की वजह से बढ़ा है। इजराइली अधिकारी यहां के एक हिस्से को खाली कराना चाहते थे और इसी के बाद इजराइल और फिलीस्तीन के बीच तनाव शुरू हो गया।