विश्‍व की अन्‍य खबरें

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन का बांध इसलिए भारत-बांग्लादेश के लिए है बड़ी चिंता

-2 लाख 93 हजार वर्ग किमी कैचमेंट एरिया है ब्रह्मपुत्र नदी का चीन में। जबकि भारत- भूटान में 2 लाख 40 हजार वर्ग किलोमीटर-55 क्षेत्रों में चीन ब्रह्मपुत्र नदी से जुड़े जलाशय बना रहा है, जिनसे चीन की दीवार के सूखे इलाकों में पानी पहुंचाएगा।

Dec 17, 2020 / 06:23 pm

pushpesh

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन का बांध प्रस्तावित है

ब्रह्मपुत्र नदी (चीन में यारलंग जंगबो) पर चीन की प्रस्तावि जलविद्युत (हाइड्रोपावर) परियोजना से भारत और बांग्लादेश जैसे निचले देशों में चिंता बढ़ गई है। तिब्बत से होकर बहने वाली यह नदी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। 1962 के युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच यह प्रोजेक्ट चीन की कुटिल रणनीति को दर्शाता है। एक अंग्रेजी दैनिक के मुताबिक चीन ने यह कदम अरुणाचल प्रदेश में भारत की प्रस्तावित 10 गीगावाट की जलविद्युत परियोजना के जवाब में उठाया है। भारतीय अधिकारियों को चिंता है कि चीन के इस प्रोजेक्ट से बाढ़ अथवा पानी की किल्लत हो सकती है।
उधर बांग्लादेश के पर्यावरण अधिकारी शेख रोकों ने भी चीन के इस कदम पर चिंता जाहिर की है। ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर भारत की आपत्ति इसलिए है कि नदी दक्षिण-पश्चिम चीन से होकर तिब्बत, भारत व बांग्लादेश में होकर गुजरती है। यानी इस पर चीन के अलावा भारत और बांग्लादेश का क्षेत्र भी आता है। दोनों देशों के बीच नदी जल बंटवारे को लेकर कोई स्पष्ट समझौता नहीं है। बांग्लादेश पहले ही बांध को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुका है।
बांध से होगा जैव विविधता को खतरा
इस परियोजना से भारत-बांग्लादेश के बीच संबंध भी प्रभावित होंगे, क्योंकि ऊपरी क्षेत्र होने के कारण भारत अपनी जरूरतों के अलावा बांग्लादेश के साथ पानी साझा करता है। बांध से नदी के पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता को खतरा होगा। यह नदी अरुणाचल प्रदेश और असम से होकर गुजरती है। ऐसे में यहां के लोगों की आजीविका ही नहीं जीवन और संस्कृति भी इससे जुड़ी हुई है।

Hindi News / World / Miscellenous World / ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन का बांध इसलिए भारत-बांग्लादेश के लिए है बड़ी चिंता

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.