गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलने के बाद WHO पर लापरवाही को लेकर कई गंभीर आरोप लगे हैं। अमरीका सहित कई यूरोपीय देशों का कहना है कि संगठन ने इस महामारी को लेकर शुरूआत में कोई सतर्कता नहीं बरती। अमरीका का कहना है कि चीन में जब यह वायरस फैला था, तब उसके यहां पर घरेलू उड़ानों को बंद कर दिया गया। वहीं अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को स्वतंत्र रूप से जारी रखा।
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम (Tedros Adhanom)की ओर से ये पैनल कोरोना वायरस को लेकर जुलाई में बनाया गया था। 5-6 अक्टूबर को होने वाली वर्ल्ड एग्जीक्यूटिव बॉडी की मीटिंग में उसका पहला अपडेट होगा। जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के कोरोना ट्रैकर के अनुसार दुनियाभर में 31 मिलियन (तीन करोड़) से अधिक लोगों को कोरोना ने संक्रमित किया है। वहीं लगभग 10 लाख लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। चीन पर आरोप लगे हैं कि उसने इस वायरस की गंभीरता को छिपाने की कोशिश की है। अमरीका और भारत साहित कई देश आज भी इस वायरस से जूझ रहे हैं।
अमरीका ने शुरुआती दौर में ही WHO पर आरोप लगाते हुए इसकी स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी। इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने चीन की जमकर आलोचना की। ट्रंप ने इस वायरस को लेकर चीन को जिम्मेदार ठहराया है।
न्यूजीलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सिलेफ की सह-अध्यक्षता वाले स्वतंत्र पैनल की यह रिपोर्ट अहम होगी। इस रिपोर्ट में WHO द्वारा उठाए कदमों की समीक्षा भी होगी। हालांकि, टेड्रोस और स्वतंत्र पैनल ने पहले ही साफ कर दिया है कि यह समय किसी की गलती को निकालने का नहीं है बल्कि भविष्य में किसी महामारी से सजग रहने की जरूरतों पर जोर देना होगा।
न्यूजीलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सिलेफ की सह-अध्यक्षता वाले स्वतंत्र पैनल की यह रिपोर्ट अहम होगी। इस रिपोर्ट में WHO द्वारा उठाए कदमों की समीक्षा भी होगी। हालांकि, टेड्रोस और स्वतंत्र पैनल ने पहले ही साफ कर दिया है कि यह समय किसी की गलती को निकालने का नहीं है बल्कि भविष्य में किसी महामारी से सजग रहने की जरूरतों पर जोर देना होगा।
बीते हफ्ते पैनल की एक बैठक में न्यूजीलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री और पैनल के सह-अध्यक्ष हेलेन क्लार्क ने कहा कि इस बात का पता लगाया गया है कि क्या हुआ और क्यों? उन्होंने कहा कि यह आरोप-प्रत्यारोप की प्रक्रिया नहीं है। ये पैनल अगले साल तक मई में विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएमए) के समक्ष अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करेगा। मगर कई अन्य बैठकों में इसके लगातार अपडेट आते रहेंगे।