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आकाश में सैकड़ों मीटर तक धुंआ और आग की लपटें
ज्वालामुखी फूटाने कुछ समय बाद ही पूरा आकाश लाल रंग का हो गया। हर तरफ सिर्फ आग ही आग थी। वहीं दूसरी तरफ लोग जान बचाने के लिए इधर उधर भागते नजर आए। माउंट न्यारागोंगो में ज्वालामुखी फूटा है और आकाश में सैकड़ों मीटर तक धुंआ और आग की लपटें फैलीं हैं तो ज्वालामुखी से लगातार लावा निकल रहा है। लावा बहकर सड़क तक आ गया। इस शहर की आबादी 20 लाख के करीब है। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट तक लावा बहकर आ गया था लेकिन अब सबकुछ नियंत्रित बताया जा रहा है।
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हजारों लोगों ने छोड़ा अपना घर
संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन की ओर से ज्वालामुखी फटने के बाद की शहर की तस्वीर ट्वीट की गई। उसने कहा कि वह अपने विमानों के जरिए क्षेत्र पर नजर रख रहा है। ऐसा लगता नहीं है कि लावा गोमा शहर की ओर बढ़ रहा है, फिर भी हम सतर्क हैं। भारतीय सेना की टुकड़ी ने संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत यहां से नागरिकों और यूएन कर्मियों की सुरक्षित निकाला। ज्वालामुखी फटने के बाद हजारों की संख्या में लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। रविवार को हजारों लोगों ने पास स्थित रवांडा की सीमा को पार किया है। जबकि कुछ लोग शहर के पश्चिम में स्थित ऊंचे स्थान पर चले गए। ज्वालामुखी ने करीब 15 लोगों की जान ले ली है और 500 से अधिक घर नष्ट हो गए है। रवांडा के प्रशासन का कहना है कि गोमा के करीब 3000 लोगों ने सीमा पार की है।
2002 में 250 लोगों की हुई थी मौत
यह ज्वालामुखी पिछली बार वर्ष 2002 में फटा था तब यहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और लावा हवाईअड्डे के सभी रनवे पर पहुंच गया था। दो दशक पहले नीरागोंगो फटा था, जिससे 250 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 1 लाख 20 हजार लोग बेघर हो गए थे। आपको बता दें कि माउंट न्यारागोंगो ज्वालामुखी दुनिया के सबसे ज्यादा एक्टिव ज्लालामुखियों में से एक है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 मई को इस ज्वालामुखी में विस्फोट होने की चेतावनी जारी की गई थी। इस ज्वालामुखी ने सबसे ज्यादा खौफ 1977 में बरपाया था। उस समय 600 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।