सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट ( Supreme Court Chief Justice John Roberts ) ने सीनेटरों को निष्पक्ष फैसला करने को लेकर शपथ दिलाई। इस प्रक्रिया के दौरान सीनेट में 99 सांसद मौजूद थे जबकि एक गैरहाजिर था। सीनेट में चर्चा के दौरान रिपब्लिक सीनेटर जेम्स इनहोफ ( Republican James Inhofe ) शपथ लेने नहीं पहुंचे।
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जेम्स इनहोफ ने कहा कि वह पारिवारिक कारणों की वजह से सीनेट में नहीं पहुंच सके। हालांकि उन्होंने कहा कि मंगलवार तक सीनेट में वे मौजूद रहेंगे। सभी सीनेटरों को शपथ दिलाने के बाद सीनेट को 21 जनवरी दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। अब 21 जनवरी को ही ये तय होगा कि अमरीका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाया जाए या नहीं।
दो दिहाई बहुमत की होगी जरुरत
पिछले कई महीनों से महाभियोग की प्रक्रिया को लेकर कवायद चल रही है, जिसे लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने सवाल खड़े किए और इसे फर्जी करार दिया। उन्होंने ओवल ऑफिस ( Oval Office ) में मीडिया से बात करते हुए कहा, मुझे यकीन है कि यह बहुत जल्द खत्म हो जाएगी।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि यह कार्यवाही पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है। मुझे एक फर्जी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा क्योंकि विपक्षी डेमोक्रेट चुनाव जीतने की कोशिशों में लगे हैं।
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आपको बता दें कि ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए सीनेट में दो तिहाई बहुमत की दरकार होगी। बीते 18 दिसंबर को डेमोक्रेट के बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हुई थी।
निचले सदन में पास हो चुका है प्रस्ताव
आपको बता दें कि इससे पहले बीते महीने 19 दिसंबर को ट्रंप के खिलाफ निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव) में महाभियोग ( Trump impeachment ) का प्रस्ताव पास हुआ था। वोटिंग के दौरान महाभियोग के पक्ष में 230 और विरोध में 197 वोट पड़े।
ट्रंप से पहले दो अन्य पर चलाया गया है महाभियोग
डोनाल्ड ट्रंप से पहले देश के दो अन्य राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग चलाया गया है। ट्रंप से पहले 1868 में ऐंड्यू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ यह प्रक्रिया शुरू हुई थी।
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हालांकि, दोनों ही नेता अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे। वहीं, एक अन्य राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग चलाए जाने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
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