अफगानिस्तान के मिलिट्री अधिकारियों का कहना है कि अमरीकी फौज रात के अंधेरे में चुपचाप बिना किसी को बताए वहां से निकल गई और इस दौरान अफगानिस्तान के नए कमांडर को इसकी भनक तक नहीं लगी। उन्हें इसका पता फौज के जाने के दो घंटे बाद चला।
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आतंकी संगठनों के हौसले बुलंद हैं
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान और अलकायदा दोबारा से सिर उठाने लगे हैं। अमरीकी फौज जब तक अफगानिस्तान में डटी थी तब तक इन आतंकी संगठनों को अफगान सेना पीछे धकेल रही थी। मगर जबसे अमरीकी फौज का पलायन शुरू हुआ तब से आतंकी संगठनों के हौसले बुलंद हो गए हैं।
अमरीका अब कोई भी खतरा लेने नहीं चाहता
बीते शुक्रवार को अमरीका ने ऐलान किया था कि उसने अफगानिस्तान में अपने सबसे बड़े एयरफील्ड को खाली करा लिया है। हालांकि पेंटागन के अनुसार अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों के निकलने का कार्यक्रम अगस्त तक पूरा हो सकेगा। दरअसल अमरीका अब कोई भी खतरा लेने नहीं चाहता है, ऐसे में वह युद्ध में उलझने की बजाय चुपचाप निकलने का प्रयास कर रहा है।
बगराम के नए कमांडर जनरल मीर असदुल्लाह कोहिस्तानी का कहना है कि हमें सुबह सात बजे के करीब ये सूचना मिली कि अमरीका बगराम से निकल चुके हैं। अमरीकी बयान के अनुसार अफगानिस्तान से निकलने की प्रक्रिया राष्ट्रपति जो बाइडेन के ऐलान के बाद शुरू हो गई थी। अमरीका अपने बाकी बचे सैनिकों को निकाल रहा है।
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5 हजार कैदियों के लिए जेल है
वहीं कोहिस्तानी का कहना है कि अफगान नेशनल सिक्योरिटी और डिफेंस फोर्स बगराम एयरफील्ड पर कब्जा बरकरार रखने में पूरी तरह से सक्षम है। अफगानिस्तान ने एक बड़े हिस्से पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है। बगराम एयरफील्ड पर 5 हजार कैदियों के लिए जेल भी है, जिनमें ज्यादातर तालिबानी बंद हैं।