गावों में पीने के पानी का मुख्य साधन कुआं, बावड़ी, तलाब, छोटी नदियां आदि हैं। लेकिन पर्यावरण में लगातार हो रहे बदलाव की वजह से अब भूजल स्तर लगातार घटता जा रहा है और पीने के पानी का संकट गहराता जा रहा है। दुनिया भर में कई ऐसे गांव, शहर या इलाके हैं जहां का भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है। लिहाजा, पीने के पानी के लिए लोगों को अन्य विकल्पों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
जल संकट पर SC ने जताई चिंता, बोले- हम राष्ट्रपति को भी नहीं दे पा रहे हैं पानी
अब पर्यावरण वैज्ञानिकों ने एक ऐसी चेतावनी दी है, जो कि परेशान करने वाला है। यदि समय रहते इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, पर्यावरण वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि दुनियाभर के सभी भूजल कुओं का 20 फीसदी आने वाले कुछ समय में सूखने का खतरा है।
4 करोड़ कुओं के रिकॉर्ड की जांच की गई
बता दें कि कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा, अमरीका के शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में लगभग 39 मिलियन (करीब 4 करोड़) कुओं के अच्छे निर्माण के रिकॉर्ड की जांच की। इसमें उन्होंने पाया कि दुनिया भर के सभी कुओं में से 6 से 20 प्रतिशत में वर्तमान में पानी का लेवल 16 फीट से अधिक नीचे नहीं है। स्कॉट जेश्चको और डेबरा पेरोन के अनुसार, इसका मतलब यह है कि आने वाले दशकों में उनके सूखने का खतरा है।
पत्रिका साइंस में प्रकाशित इस शोध में कई जानकारियां दी गई है। उन्होंने शोध में पाया कि नए कुआं के निर्माण के दौरान भूजल के कम स्तर को ध्यान में नहीं रखा गया और इसलिए इसे पुराने कुओं की तुलना में अधिक गहरा नहीं बनाया गया।
यहां गर्मियों में ‘आग’ लगाएगा ‘पानी’, ऐसी ही तैयारी रही तो नहर में क्लोजर के दौरान गहराएगा जलसंकट
शोधकर्ताओं ने कहा कि पुराने कुओं की तरह अब नए कुएं सूख जाएंगे। कनाडा के सस्काचेवान विश्वविद्यालय के जेम्स फेमिलीगेटी और ग्रांट फर्ग्यूसन के नेतृत्व में कि गए एक अध्ययन तो कि इसी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है, से पता चला कि एक्वीफर्स में पानी के सिकुड़ने का कारण यह है कि मनुष्य प्रकृति से अधिक पानी निकाल रहे हैं।
भूमिगत स्रोतों से निकाले गए पानी की भारी मात्रा के अलावा, कई स्थानों पर ग्लोबल वार्मिंग के कारण व्यापक स्तर पर सूखे पड़ना भी शुरू हो गया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि यदि ऐसा ही रहा तो स्वच्छ मीठे पीने के पानी पर बहुत जल्द ही अमीरों के विशेषाधिकारों में से एक बन सकती है।