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मीटिंग के बाद पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि हमने बैठक में भाग लेने के लिए अनुरोध किया था परन्तु हमें मना कर दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय अध्यक्षता से हम पाकिस्तान के लिए तटस्थता की उम्मीद नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूरे बयान को परिषद के सभी सदस्यों को दिया जाएगा। यह भी पढ़ें
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इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान के भाग लेने का अनुरोध अस्वीकार कर देना और वैश्विक संस्था के मंच का देश के खिलाफ झूठा प्रचार करने के लिए उपयोग किया जाना दुखद है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में पाकिस्तान सरकार पर आरोप लगाए गए थे कि वह तालिबान के लड़ाकों को सुरक्षित जगह उपलब्ध करवा रहा है और सीमा पार से आवाजाही करवा रहा है। पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने कहा कि पाक प्रधानमंत्री कई बार अफगानिस्तान की सुरक्षा और शांति के लिए राजनीतिक समाधान खोजने की बात कर चुके हैं। अफगान आतंकी संगठन तहरीक-ए-पाकिस्तान तथा दाएश पाकिस्तान पर हमला करने के लिए अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग कर रहे हैं।
इसलिए नहीं बुलाया गया था पाकिस्तान को
अफगानिस्तान ने राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि पाक सेना और खुफिया एजेंसी तालिबान की मदद कर रहे हैं। उन्हें हथियार उफलब्ध करवा रहे हैं। यदि पाक सेना तालिबान की मदद न करें तो तालिबान हफ्ते भर में ही हार मान लेगा, हालांकि पाक ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है।
अफगानिस्तान ने राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि पाक सेना और खुफिया एजेंसी तालिबान की मदद कर रहे हैं। उन्हें हथियार उफलब्ध करवा रहे हैं। यदि पाक सेना तालिबान की मदद न करें तो तालिबान हफ्ते भर में ही हार मान लेगा, हालांकि पाक ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है।