जानिए अमरीका में एच 1बी वीजा धारकों के जीवन साथी क्यों नहीं कर सकेंगे काम लाजाक ने कहा कि शांति निर्माण के लिए लक्षित 50 करोड़ डॉलर भी उपलब्ध नहीं हो पाता क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय संघर्षो से बचने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं करा रहे। कहा जा रहा है कि संघर्षो से निपटने और इसके बाद मानवीय सहायता मुहैया कराने, शांति कायम रखने और शरणार्थियों की मदद करने के प्रयासों पर करीब 233 अरब डॉलर खर्च होता है।
उन्होंने कहा कि बेहतर है कि शांति निर्माण के प्रयासों के जरिए संघर्षो को रोकने पर निवेश किया जाए क्योंकि इससे जिंदगियां बचती हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सदस्यों से शांति निर्माण कोष के लिए हर साल 50 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने में योगदान देने की अपील की।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावः व्हॉट्स ऐप से दाखिल हुआ नामांकन गुटेरेस की अपील का समर्थन करते हुए सरमा ने उनके द्वारा जनवरी में पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए धन जुटाने के विकल्पों का स्वागत किया और कहा कि अपर्याप्त धन की समस्या से निपटने के लिए इन पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। बता दें कि भारत शांति निर्माण कोष के लिए अब तक 50 लाख डॉलर का योगदान दे चुका है। अपने सीमित संसाधनों के बावजूद भारत हर साल संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए एक बड़ा योगदान देता रहा है।