संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि डब्ल्यूएचओ टीम प्रकोप के स्रोत का पता लगाने और इसे नियंत्रित करने के साथ-साथ एचआईवी परीक्षण में मदद करेगी। इसके साथ बाल चिकित्सा एचआईवी उपचार और परिवार को सही परामर्श के क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता प्रदान करेगी। बुधवार की दोपहर न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए हक ने उल्लेख किया कि इस प्रकोप से पहले, पूरे पाकिस्तान में एचआईवी से पीड़ित 1,200 से अधिक बच्चे थे और एंटीरेट्रोवाइरल उपचार प्राप्त कर रहे थे।
पाक में 25 अप्रैल को एक चौकाने वाला मामला सामने आया था। यहां पर एक डॉक्टर ने गलत सिरिंज लगाकर सैकड़ों बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव बना दिया था। इसके बाद से लगातार एचआईवी के मामले सामने आने लगे। गौरतलब है कि दक्षिणी पाकिस्तान के एक गांव में लोग लाइन लगाकर अपने बच्चों की जांच करा रहे हैं। बीते दिनों एक चौका देने वाली घटना सामने आई थी। इसमें एक डॉक्टर की लापरवाही के कारण करीब 90 लोेग एजआईवी पॉजिटिव पाए गए थे। डॉक्टर पर आरोप था कि प्रदूषित सिरिंज से इंजेक्शन लगाने के कारण 65 बच्चे समेत कुल 90 लोगों एचआईवी पॉजिटिव हो गए। इसकी पुष्टि यहां के सरकारी अधिकारी ने भी की है। अब यह आकड़ा 400 से भी अधिक पहुंच चुका है। जांच टीम ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।
जिनेवा में अपने मुख्यालय में जारी एक अलग बयान में, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक परीक्षणों और एंटीरेट्रोवायरल दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है, साथ ही एकल-उपयोग सुई और सीरिंज भी। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों का संक्रमण एक विशेष चुनौती है। 16 मई को, स्थानीय अधिकारियों ने लरकाना में बच्चों के लिए एक नया एंटीरेट्रोवायरल उपचार क्लिनिक स्थापित किया। पाकिस्तान में हर साल अनुमानित 20,000 नए संक्रमणों के साथ दक्षिण एशिया में एचआईवी संक्रमण दर ज्यादा है। अब तक एचआईवी से पीड़ित लोगों की अनुमानित संख्या का केवल 16 प्रतिशत परीक्षण किया गया है।