इस मामले में स्लोवाकिया की राष्ट्रपति जुज़ाना कैपुटोवा उनसे एक कदम आगे हैं। उन्होंने महामारी को एक फैशन और शैली के अवसर के रूप में माना है। कुछ दिनों पहले उन्होंने एक मैजेंटा ड्रेस के साथ मेल खाता मास्क पहना। उन्होंने इसे फैशन बताया। कैपुटोवा वैसे मास्क पहने थीं, जो उसकी पोशाक के रंग के साथ मेल खा रहे था।
वहीं अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बीते दिनों एक पत्रकार वार्ता के दौरान दावा किया था कि लाइजॉल, डेटॉल जैसे रोगाणुओं को मारने वाले पदार्थो को निगलने से कोरोना वायरस का संक्रमण ठीक हो जाएगा। इसके बाद मीडिया और सोशल मीडिया पर ट्रंप का जमकर मखौल उड़ने लगा। यहां तक कि स्वास्थ्य अधिकारियों को अपील करनी पड़ी कि इस परिस्थिति में वे ऐसे बयान बिल्कुल न दें। इससे घबराकर ट्रंप ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने जब डॉक्टरों को कोविड-19 के मरीजों के संभावित उपचार के लिए शरीर में टीके से जीवाणुनाशक पहुंचाने या पराबैंगनी किरणों, ताप के प्रयोग पर विचार करने के लिए कहा था तो वह दरअसल ‘व्यंग्य’ में कहा गया था।
इन राजेनताओं के हल्के बयानों से इस समय पूरे यूरोप और अमरीका में कोरोना ने कहर मचा रखा है। अमरीका में 24 घंटों में 3,176 लोगों की मौत के साथ कुल मृतक आंकड़ा पिछले 10 दिन के अंदर दोगुना होकर 50 हजार के पार पहुंच गया है। देश में रोजाना औसतन हजार लोगों की मौत हो रही है।वहीं ब्राजील में 2,900 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 45,000 की संख्या पार कर चुका है। दुनियाभर में कोरोना से अब तक 1.95 लाख लोग अपनी जान गवां चुके हैं।