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South China Sea Dispute: Australia ने China के दावों को किया खारिज, कहा- Bijing के पास कोई कानूनी आधार नहीं

HIGHLIGHTS

ऑस्ट्रेलिया ( Australia ) ने संयुक्त राष्ट्र ( United nation ) में एक घोषणा में कहा कि दक्षिण चीन सागर ( South China Sea ) पर चीन के दावे के लिए उनके पास कोई कानूनी आधार ( China Have No Ligal Basis ) नहीं है।
चीन ने हाल के वर्षों में विवादों के बाद भी दक्षिण चीन सागर में कई कृत्रिम द्वीप ( China Built Artificial Islands ) बनाए हैं, जो एक सैन्य बेस ( military Base ) के तौर पर उपयोग किया जा रहा है।

Jul 25, 2020 / 08:06 pm

Anil Kumar

South China Sea Dispute: Australia rejects China’s claims, says Bijing have no legal basis

नई दिल्ली। दक्षिण चीन सागर ( South China Sea ) पर चीन के एकाधिकार के दावों को अब कई देशों ने चुनौती देनी शुरू कर दी है। अमरीका ( America ) से तनातनी के बीच अब ऑस्ट्रेलिया ( Australia ) ने भी चीन के दावों को सिरे खारिज कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण चीन सागर ( Australia On South China Sea ) में चीन के क्षेत्रीय और समुद्री दावों को औपचारिक रूप से खारिज कर दिया है और तनाव बढ़ने के साथ खुद को अमरीका के साथ और अधिक निकटता से जोड़ लिया है।

ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त राष्ट्र ( United Nation ) में एक घोषणा में कहा कि दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे के लिए उनके पास कोई कानूनी आधार नहीं है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के इस बयान को लेकर अभी तक चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

.. तो इसलिए South China Sea पर कब्जा करने के लिए चीन America और इन 7 देशों से ले रहा है टक्कर

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की ओर से यह बयान उस क्षेत्र में चीन के कुछ कार्यों को गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद आया है। हालांकि चीन ने हाल के वर्षों में विवादों के बाद भी दक्षिण चीन सागर में कई कृत्रिम द्वीप बनाए ( Cina Built Artificials Island In South China Sea ) हैं, जो एक सैन्य बेस के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। चीन ने बीते दिनों ये कहा था कि दक्षिण चीन सागर पर सदियों से उनका अधिकार रहा है।

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कई देश चीन के दावों को दे रहे हैं चुनौती

आपको बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर चीन हमेशा से एकाधिकार का दावा करता रहा है, लेकिन कई ऐसे देश हैं जो चीन के इस दावों को खारिज करते रहे हैं। इसमें ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान, जापान और वियतनाम शामिल है। हाल के वर्षों में चीन और इन बाकी देशों के बीच कई बार समुद्री टकराव ( Dispute In Sea ) देखने को मिला है और लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है।

बीजिंग ‘नौ-डैश लाइन’ ( No Dase Line ) के रूप में ज्ञात एक विशाल क्षेत्र का दावा करता है और उसने इस क्षेत्र में कई कृत्रिम द्वीप-निर्माण करने के साथ गश्ती कर अपने दावों का समर्थन कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में मौजूद करीब 200 द्वीपों में अपार प्राकृतिक संसाधन ( Natural Resources ) और गैस व तेल भंडार हैं, जिसपर चीन की नजर है। चीन के एकाधिकार के दावों को लेकर 2016 में अंतर्राष्ट्रीय कोर्च ने चीन के खिलाफ फैसला सुनाया था। इस फैसले में कहा गया था कि समुद्र के जल और संसाधनों पर ऐतिहासिक रूप से विशेष नियंत्रण का कोई सबूत नहीं है, हालांकि चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया।

ऑस्ट्रेलिया की स्थिति क्या है?

संयुक्त राष्ट्र में गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया ने एक घोषणा प्रस्तुत करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को खारिज करते हैं। 2016 के कोर्ट के फैसले के हवाला देते हुए कहा कि दक्षिण चीन सागर में समुद्री सुविधाओं या ‘द्वीप समूहों’ के बाहरी बिंदुओं को जोड़ने वाली सीधी आधार रेखा खींचने के लिए चीन के पास कोई कानूनी आधार नहीं है।

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बता दें कि ऑस्ट्रेलिया और चीन ( Australia China Tension ) के बीच कई मुद्दों पर बिगड़ते रिश्तों के बीच यह मामला सामने आया है। ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की उत्पत्ति की वैश्विक जांच की मांग की थी, जिसको लेकर चीन आगबबूला हो गया था। इसके बाद चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कई कदम उठाए हैं।

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