एक ब्रिटिश इंप्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल (UK employment tribunal) ने इस मामले में सुनवाई की और पाया कि न्यूजीलैंड के रहने वाले रमन सेठी (Raman Sethi) को नौकरी दिए जाने से इसलिए मना कर दिया गया था क्योंकि उनकी दाढ़ी थी। उन्हें रिक्रूटमेंट एजेंसी एलीमेंट्स पर्सनल सर्विसेज लिमिटेड के जरिए नौकरी देने से मना किया गया था।
जज स्टाउट ने कहा कि एजेंसी ने कोई भी ऐसा सुबूत पेश नहीं किया है जिससे पता चले कि उनके क्लाइंट्स से यह पूछा गया हो कि वे एक सिख से सेवाएं लेना पसंद करेंगे या नहीं,अगर वो धार्मिक कारणों से शेव न कर सकता हो।
5 हजार डॉलर का मुआवजा सिख की भावनाओं को आहत करने के लिए
भी दिया जाएगा। उन्होंने अपने फैसले के अंत में कहा, हमारे सामने रखे गए सबूतों में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिससे पता चलता हो कि सिखों के लिए उनकी पॉलिसी में अपवाद की कोई गुंजाइश नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने 7,102 पाउंड का मुआवजा उन्हें देने का फैसला किया। इसमें से 5 हजार रुपये उनकी भावनाओं को आहत करने के लिए है।
भी दिया जाएगा। उन्होंने अपने फैसले के अंत में कहा, हमारे सामने रखे गए सबूतों में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिससे पता चलता हो कि सिखों के लिए उनकी पॉलिसी में अपवाद की कोई गुंजाइश नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने 7,102 पाउंड का मुआवजा उन्हें देने का फैसला किया। इसमें से 5 हजार रुपये उनकी भावनाओं को आहत करने के लिए है।