आज से ठीक 100 साल पहले 15 अक्टूबर 1917 के दिन माता हारी को फायरिंग स्कड के सामने खड़ा कर गोलियों से भून दिया गया था। माताहारी खतरनाक सम्मोहन करने वाली कामुक महिला के रूप में भी जानी जाती थी।
प्रथम विश्व युद्ध के पहले माता हरी को एक सामान्य नृत्य कलाकार और खुले विचारों की महिला ही माना जाता था, लेकिन जैसे ही युद्ध शुरू हुआ, उसे खतरनाक सम्मोहन करने वाली कामुक महिला के रूप में देखा जाने लगा। विश्व युद्ध शुरू होते ही फ्रांस ने उसे जर्मनी का जासूस समझा वहीं दूसरी ओर जर्मनी उसे फ्रांस का जासूस समझने लगा।
ऐसा भी माना जाता है कि वह दोनों देशों को मूर्ख बनाकर दोनों से पैसा कमा रही थी। हालांकि ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों ने सबसे पहले सबूत जुटाकर उसे बेनकाब कर दिया। माता हरी को कोड नेम एच-21 के नाम से जाना जाता था। 1917 में उसे जर्मनी का जासूस घोषित कर गिरफ्तार कर लिया गया। आखिरकार उसे 15 सितंबर 1917 को 41 साल की उम्र में मार दिया गया।