ब्रिटिश साइंटिस्ट वॉलेस का कहना है कि मेडिकल साइंस के इतिहास में आज तक सिर्फ चिकनपॉक्स ही ऐसी बीमारी रही है जिसे पूरी तरह से मिटाया जा सका है। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस का इलाज मौसमी बुखार की तरह हो सकता है। बीमारी को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है।
Covid-19 : फरवरी 2021 तक देश की 50% आबादी पर कोरेना संक्रमण का खतरा बीमारी को पूरी तरह से रोकना मुश्किल चीफ साइंटिस्ट वॉलेस के मुताबिक अभी ऐसी वैक्सीन तैयार करना जो दुनियाभर में लोगों तक पहुंच सके मुश्किल है। उन्होंने इस बात का दावा ब्रिटिश संसदीय समिति के सामने की है। संसदीय समिति को उन्होंने बताया है कि इसकी संभावना बहुत कम है कि कोराना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) इस बीमारी को पूरी तरह रोक सके।
फ्लू की तरह अस्तित्व में बना रहेगा सर पैट्रिक वॉलेस ने वैक्सीन को लेकर स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वैक्सिनेशन से इन्फेक्शन की संभावना, बीमारी की गंभारता और तीव्रता भी कम हो सकती है। इसके बावजूद यह एक आम फ्लू की तरह अस्तित्व में बना रहेगा।
India में Corona मरीजों की संख्या 75 लाख के पार, 24 घंटों में 579 मौतें मार्च तक वैक्सीन का आना मुश्किल उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में 150 से ज्यादा रिसर्च हो रहे हैं। इनमे से बहुत सारे वैक्सीन ने इम्यून रिस्पॉन्स पैदा किया है। लेकिन तीसरे चरण के ट्रायल के बाद ही यह पता चलेगा कि क्या वे इन्फेक्शन रोक सकती हैं या नहीं। उन्होंने कहा है कि अगले साल मार्च तक वैक्सीन लोगों तक पहुंचना मुश्किल है।