दवा जांचने के लिए कंपनी ने 600 कोरोना मरीजों (COVID-19 Patients) को दो तरह के ट्रीटमेंट पर रखा। इनमें से कुछ लोगों को 5 दिन की दवा दी गई। जबकि दूसरे पेशेंट्स को 10 दिन की दवा दी गई। इसके अलावा ऐसे मरीजों के साथ उन लोगों को भी रखा गया जो स्टैंडर्ड मेडिकेशन प्रोसीजर से इलाज करा रहे थे। 11वें दिन जांच में सामने आया कि पांच दिन ट्रीटमेंट कराने वाले मरीज सामान्य तरीके से इलाज करा रहे मरीजों की तुलना मे जल्दी ठीक हुए हैं। वहीं 10 दिनों की दवा लेने वाले लोगों की सेहत में काफी ज्यादा सुधार देखने को मिले हैं।
दवा की सफलता से कोरोना को हराने के लिए नई उम्मीद जगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसी ने भी इस दवा की तारीफ की है। इस दवा के प्रयोग से कोरोना मरीज 31 फीसदी ज्यादा तेजी से ठीक हो रहे हैं। अमेरिका ने अप्रैल महीने में इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था। जिसके परिणाम अब सामने आए हैं। डॉ. फॉसी ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार रेमडेसिविर दवा का मरीजों पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। डॉ. फॉसी ने बताया कि रेमडेसिविर दवा का प्रयोग अमेरिका, यूरोप और एशिया के 68 स्थानों पर किया गया है। इसमें 1063 लोगों पर ट्रायल किया गया है। मालूम हो कि रेमडेसिविर दवा इबोला के ट्रायल में फेल हो गई थी। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस दवा को कोरोना मरीजों के लिए असरदार साबित होने की बात से इंकार किया था।