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क्या रूस और ईरान हैं भारत-अमरीका के बीच ‘टू प्लस टू’ वार्ता टलने की वजह!

भारत और अमरीकी मामलों के जानकारों का कहना है कि इस वार्ता का स्थगित होना दुर्भाग्यपूर्ण और ट्रंप प्रशासन के लिए बेहद असहज कर देने वाली स्थिति है।

Jun 29, 2018 / 09:19 am

Siddharth Priyadarshi

क्या रूस और ईरान हैं भारत-अमरीका के बीच ‘टू प्लस टू’ वार्ता टलने की वजह!

नई दिल्ली। भारत और अमरीका के बीच आगामी 6 जुलाई से प्रस्तावित पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता स्थगित हो गई है। वार्ता स्थगित होने की कोई वजह नहीं बताई गई है, केवल इतना कहा गया है कि इसको अपरिहार्य कारणों के चलते स्थगित किया गया है। हालांकि वार्ता स्थगित होने को दोनों देशों के रिश्तों में आई खटास के रूप में देखा जा रहा है।
सब कुछ ठीक नहीं है दोनों देशों के बीच

भारत और अमरीकी मामलों के जानकारों का कहना है कि इस वार्ता का स्थगित होना दुर्भाग्यपूर्ण और ट्रंप प्रशासन के लिए बेहद असहजता वाली स्थिति है। अमरीकी ह्वाइट हाउस से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूसी मामलों में व्यस्तता की वजह से यह वार्ता स्थगित हुई है। उधर अमरीकी रणनीतिक मामलों के केंद्र विल्सन सेंटर के माइकल कुगेलमान ने ट्वीट किया है कि इस वार्ता का टलना अमरीका और भारत संबंधों में बहुत बड़ी लड़खड़ाहट है।
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महत्वपूर्ण थी ‘टू प्लस टू’ वार्ता

टू प्लस टू वार्ता भारत और अमरीका के बीच विदेश और रक्षा मंत्री सत्र की वार्ता थी जिसमे दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों को शामिल होना था। भारत की ओर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण तथा अमरीका की ओर से विदेश मंत्री पोम्पियो और रक्षामंत्री जेम्स मैटिस को इस बैठक में शामिल होना था। इस नई वार्ता के प्रारूप पर जून 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमरीका यात्रा के दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी थी। इसे दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करने के एक माध्यम के रूप में देखा जा रहा था। यह वार्ता दो देशों के बीच संबंधों में एक अभिनव प्रयोग को जन्म देती क्योंकि इस तरह की औपचारिक बातचीत दो देशों के बीच बिरले हुई है। रक्षा और विदेश जैसे दो जटिल और आपस में जुड़े मुद्दों को एक मंच पर निपटाने की नीयत से इस वार्ता की योजना बनाई गई थी।
रूस या ईरान तो नहीं है वजह !

वार्ता उस समय स्थगित हुई है, जब हाल में ही भारत ने रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का एक बड़ा सौदा किया है। अमरीका की इच्छा थी कि भारत रूस से कोई रक्षा समझता न करे। बता दें कि रूस के खिलाफ अगस्त 2017 में अमरीका में काटसा कानून पारित किया था जिसमें अमरीका के मित्र देशों से अपील की गई थी कि वो रूस के साथ कोई रक्षा समझौता न करें। इसके उलट भारत चाहता है कि रूस के साथ उसके समझौते इस कानून के बाहर माने जाएं।
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भारत ने लम्बे समय तक रूस को दरकिनार करने के बाद अब उसके साथ अपने संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करना शुरू किया है। इधर रूस से भारत की करीबी अमरीका को रास नहीं आ रही थी। वार्ता के स्थगन से एक दिन पहले ही अमरीका ने भारत और अन्य देशों से चार नवंबर तक ईरान से कच्चे तेल का आयात बंद करने को कहा था। इस पर टिप्पड़ी करते हुए भारत ने कहा कि वह ईरान से तेल का आयात सीमित कर सकता है लेकिन उसे बंद नहीं कर सकता।
जल्द तय होगा वार्ता का कार्यक्रम

अमरीकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुषमा स्वराज और माइक पोम्पिओ के नेतृत्व में टू प्लस टू वार्ता को आपसी सहमति से सुजल्द से जल्द फिर से आयोजित करने की कोशिह जारी है। दोनों देश एक नए कार्यक्रम के लिए राजी हो गए है। अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि पोम्पिओ ने आपसी रिश्तों को और मजबूत करने पर चर्चा करने के लिए फोन पर भारतीय विदेश मंत्री बातचीत की।

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