पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से फोन पर बातचीत की। बातचीत के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया और हस्तक्षेप करने की अपील की।
विदेश कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इमरान खान ने एंजेला मर्केल से कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली संवैधानिक धारा 370 को खत्म कर दिया है, जिसके कारण क्षेत्र में शांति व सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा।
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इमरान खान ने अपील करते हुए कहा कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि तत्काल कार्रवाई करे।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने बातचीत के दौरान कहा कि कश्मीर मामले पर जर्मनी करीब से नजर बनाए हुए है। हालांक उन्होंने परोक्ष रूप से सीधे-सीधे हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों ने साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर का मामला द्विपक्षीय मुद्दा है, जिसे भारत-पाकिस्तान को आपसी बातचीत और शांति के साथ सुलझाना चाहिए।
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बता दें कि एक दिन पहले गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मालदीव के विदेशमंत्री अब्दुल्ला शाहिद से फोन पर बातचीत की थी और कश्मीर मामले पर हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
इसपर मालदीव ने पाकिस्तान को करारा झटका देते हुए साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान को मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए।
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शाहिद ने टेलिफोन कॉल के लिए कुरैशी का शुक्रिया अदा किया और कहा कि पाकिस्तान तथा भारत, दोनों मालदीव के करीबी दोस्त हैं और द्विपक्षीय साझेदार हैं।
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कुरैशी ने अपने जापानी समकक्ष तारो कोनो से भी टेलीफोन पर बातचीत की तथा कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की। हालांकि वहां से भी कुरैशी को यही प्रतिक्रिया सुनने को मिला।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रोन के साथ आमने-सामने हुई लंबी बातचीत में मैक्रोन साफ कर दिया कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय तरीके से हल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी तीसरे पक्ष को न तो हस्तक्षेप करना चाहिए और न ही वहां हिंसा को उकसाना चाहिए।
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