ब्रिटिश पार्लियामेंट ने ब्रेक्सिट समझौते को लेकर बोरिस जॉनसन का समर्थन नहीं किया। अब सोमवार को एक बार फिर से ब्रेक्जिट समझौते के अंतर्गत सार्थक वोट पाने के लिए सरकार दूसरा प्रयास करेगी।
ब्रेक्सिट पर EU और ब्रिटेन में बनी सहमति, पीएम बोरिस जॉनसन ने किया ऐलान
इसके तहत मौजूदा सांसद के पास सैद्धांतिक रूप से प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ब्रेक्जिट समझौते को स्वीकार करने या विरोध करने का विकल्प होगा।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पार्लियामेंट स्पीकर जॉन बेरकाऊ मतदान की इजाजत देंगे या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। आशंका है कि वह एक ही मामले पर दो बार बहस करने के आधार पर इसे खारिज कर सकते हैं।
शनिवार को ब्रेक्सिट में देरी के पक्ष में सांसदों ने मतदान किया था
बता दें कि इससे पहले शनिवार को हाउस ऑफ कॉमंस में ऐतिहासिक सत्र में सांसदों ने जरूरी कानून पारित हो जाने तक जॉनसन के समझौते में देरी के लिए एक संशोधन के पक्ष में मतदान किया था।
कंजर्वेटिव के सांसद ओलिवर लेटविन ने यह संशोधन पेश किया था, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जॉनसन को बेन एक्ट के शर्तो को मानना होगा। इस संशोधन को सांसदों ने पिछले माह पारित किया था, जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री को ब्रेक्जिट विस्तार की अनुमति लेनी होगी।
डॉउनिंग स्ट्रीट ने एक बयान में कहा, ‘लेटविन के विलंब संशोधन ने शनिवार को मतों को अर्थहीन मतों में तब्दील कर दिया और सांसदों व लोगों की ओर से अनिश्चितता समाप्त करने के मौके को गंवा दिया।’
सरकार सोमवार को कॉमंस के सत्र के दौरान ब्रेक्जिट समझौते को लागू करने के लिए एक कानून-विदड्रॉल एग्रीमेंट बिल पेश करने की योजना बना रही है। मालूम हो कि 31 अक्टूबर को ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से अलग हो जाएगा।
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