विश्‍व की अन्‍य खबरें

इस मस्जिद में जाते ही नास्तिक भी बन जाते  हैं आस्तिक, ऐसी है खुदा की रहमत

ये नज़ारा अपने आप में इतना खूबसूरत होता है कि इसे शब्दों में बयां करना नामुमकिन है

Jan 06, 2018 / 05:38 pm

Ravi Gupta

नई दिल्ली। दुनिया में अद्भूत कलाकृतियों की कोई कमी नहीं है। कभी-कभी तो इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि मानों इन्हें इंसानों ने नहीं बल्कि स्वयं खुदा ने बनाया है। एक ऐसी ही गज़ब की कलाकृति के बारे में हम आपको अभी बताने जा रहे है जिसका नज़ारा जन्नत से कम नहीं है। ईरान के शिराज़ प्रान्त में नासिर अल-मुल्क मस्जिद है जिसे बाहर से देखने पर तो ये एक साधारण सी मस्जिद ही लगेगी लेकिन इस मस्जिद को जिस वास्तुकारों ने बनाया है उन्होंने कुछ इस कदर इसका निर्माण किया है कि जैसे ही इन पर सूरज की पहली किरण पड़ती है वैसे ही मस्जिद के अंदर का नज़ारा किसी स्वर्ग से कम नहीं होता।
ये नज़ारा अपने आप में इतना खूबसूरत होता है कि इसे शब्दों में बयां करना नामुमकिन है बल्कि इसकी खूबसूरती को केवल महसूस किया जा सकता है। इस अद्भूत नज़ारे को देखकर आपके हाथ खूद ब खूद खूदा की इबादत में उठ जाते हैं। ऐसा होने के पीछे का कारण ये है कि इस मंदिर के सामने वाले हिस्से में रंगीन शीशों से जड़ा काम किया गया है।
mosque
जब सुबह की पहली किरण इन शीशों में से होकर मंदिर के अंदर स्थित फर्श पर बिछे हुए पर्शियन कार्पेट पर पड़ती है तो अंदर का नज़ारा देखने लायक होता है। यह नज़ारा मस्जिद में सुबह के कुछ ही घंटे रहता है। इस मंदिर की एक और विशेषता ये है कि मस्जिद के अंदर की दीवारों और गुम्बदों में रंगीन चित्रकारी की हुई है और इनमें गुलाबी रंग का प्रयोग अधिक मात्रा में किया गया है जिस कारण इसे गुलाबी मस्जिद भी कहते हैं।
mosque
इस मस्जिद को ईरान के शासक मिर्जा हसन अली नासिर अल मुल्क ने करवाया था। ये कज़र वंश के राजा थें। साल 1876 से 1888 के बीच इस मंदिर को बनाया गया था। मोहम्मद हसन ए मिमार और मोहम्मद रजा ने इस मस्जिद क ा डिज़ाइन किया था।

Hindi News / world / Miscellenous World / इस मस्जिद में जाते ही नास्तिक भी बन जाते  हैं आस्तिक, ऐसी है खुदा की रहमत

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.