नार्वे की मेडिसिन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टेइनार मैडसेन ने देश के राष्ट्रीय प्रसारक एनआरके से बातचीत में कहा, ‘इन 13 मौतों में नौ गंभीर साइड इफेक्ट और 7 कम गंभीर साइड इफेक्ट के मामले हैं।
नार्वे में कुल 23 लोगों की मौत को वैक्सीन लगवाने से जोड़कर देख जा रहा है। इनमें से अब तक 13 लोगों की जांच की गई है।
मैडसेन के मुताबिक जिन लोगों की वैक्सीन लगाए जाने से मौत हुई है वे ज्यादा बुजुर्ग हैं। ये सभी नर्सिंग होम में रहते थे। मरने वालों में सभी की उम्र 80 वर्ष के ऊपर थी। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि इन मरीजों को वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार और बेचैनी के साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा। इससे वे गंभीर रूप से बीमार हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई ।
जिन 9 मरीजों में गंभीर साइड इफेक्ट देखे गए उनमें एलर्जिक रिएक्शन, बहुत ज्यादा बेचैनी और तेज बुखार शामिल है। वहीं जिन 7 मरीजों में कम साइड इफेक्ट देखे गए, उनमें जिस जगह पर इंजेक्शन लगाया गया वहां पर बहुत तेज दर्द हुआ।
इन मौते के बाद सरकार सकते में है और स्वास्थ्य विभाग ने हर वैक्सीनेशन से पहले हर व्यक्ति की जांच जरूरी कर दी है। पहले वैक्सीन लगाए जाने वाले लोगों की पहचान की जाएगी। मैडसन के मुताबिक डॉक्टरों को निश्चित रूप से सतर्कतापूर्वक ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जिन्हें वैक्सीन लगाया जाना है। जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं, उन्हें एक-एक करके जांच करने के बाद ही टीका लगाया जाए।