दरअसल फाइजर इंक की वैक्सीन का महत्वपूर्ण डेटा हैक हो गया है। इस डेटा के हैक होने से हड़कंप मच गया है। वहीं कोरोना वैक्सीन की महत्वपूर्ण जानकारी हैक होने की वजह भी सामने आई है।
लोगों की मदद करने वाले सोनू सूद को मिला बड़ा सम्मान, ग्लोबल एशियन सेलिब्रिटीज की सूची में टॉप पर बनाई जगह, जानें और कौन शामिल फाइजर ने बताई ये वजहफाइजर इंक का कहना है कि उसने अपने कोविड-19 वैक्सीन के बारे में यूरोप की शीर्ष दवा नियामक एजेंसी को कुछ दस्तावेज सौंपे थे, लेकिन एजेंसी पर साइबर हमला हो गया है।
फाइजर व उसकी जर्मन साझेदार बायोएनटेक ने एक साझा बयान में कहा कि उन्हें यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी (ईएमए) द्वारा बताया गया था कि उनके प्रायोगिक वैक्सीन के लिए विनियामक को पेश डाटा में से कुछ, जो EMA सर्वर पर स्टोर था। इन्हें गैरकानूनी तरीके से एक्सेस किया गया था।
ये है राहत की बात
वैक्सीन से जुड़े डाटा के हैक होने के बाद इस घटना को लेकर दवा कंपनियों ने राहत देने वाली बात कही है। कंपनियों के मुताबिक इस घटना में उनकी कोई भी प्रणाली भंग नहीं हुई है।
फाइजर और बायोएनटेक ने कहा है कि ईएमए ने उन्हें सूचित किया कि हमले का टीका समीक्षा के समय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ऐसे में कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों के लिए भी यह राहत की खबर है।
शुरू की गई मामले की जांच
सायबर अटैक का शिकार होने के बाद ईएमए ने एक बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया है कि उस पर हमला किया गया था और उसने कानून प्रवर्तन और अन्य संबंधित संस्थाओं के साथ जांच शुरू कर दी है।
इस कंपनी को भी नहीं हैक की सूचना
कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटी अन्य अमरीकन कंपनी मॉडर्ना इंक का कहना है कि उसे डाटा हैकिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्हें इस बारे में यूरोपीय नियामक से भी कोई सूचना नहीं मिली है।
दरअसल मॉडर्ना भी कोविड-19 के टीके का निर्माण कर रही है। हालांकि वह टीका लाने में फाइजर से थोड़ा पीछे है। कंपनी का कहना है कि हम लगातार मामले पर निगरानी रख रहे हैं।
कोरोना वायरस नहीं 2020 में गूगल पर सबसे ज्यादा ये टॉपिक किया गया सर्च, जानें टॉप क्वेरी में कौनसी पर्सनालिटी रही आपको बता दें कि ब्रिटेन और बहरीन के बाद अब कनाडा ने भी फाइजर के टीके को मंजूरी दे दी है। कनाडा में भी फाइजर के टीके की खुराकें जल्द ही लोगों को दी जाएंगी। हेल्थ कनाडा के अनुसार, इस महीने 2,49,000 खुराक मिल जाएंगी।