चंद्रयान-2: ऑर्बिटर ने किया एक और कमाल, हर सैटेलाइट को पीछे कर हासिल की सफलता
ये तस्वीरें आर्बिटर में लगे पर स्थित ऑर्बिटर हाई रिजोल्यूशन कैमरा (ओएचआरसी) द्वारा खींची गई हैं। इस बीच बड़ी खबर यह सामने आई है कि चंद्रमा पर आज से सूरज की रोशनी पड़नी शुरू हो गई है।
ऐसे ISRO को एक बार फिर नई उम्मीद जगी है कि इससे लैंडर विक्रम में फिर जान आ सकती है।
इसरो वैज्ञानिकों का मानना है कि लैंडर विक्रम में मौजूद सोलर पैनल फिर काम करना शुरू कर सकता है।
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आपको बता दें कि विक्रम लैंडर सोलर पैनल से लैस है। दरअसल, से सोलर पैनल सूरज की रोशनी के माध्यम से लैंडर की बैट्री को चार्ज करते हैं।
लेकिन 14 दिन बार चांद पर शुरू हुई रात होने के कारण वैज्ञानिकों में निराशा देखने को मिली है। अब जबकि आज से चांद पर दिन शुरू हो रहा है।
ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि सूरज की रोशन एक बार फिर लैंडर में नई जान फूंक सकती है, जिससे उससे एक बार फिर संपर्क साधने में मदद मिलेगी।
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वहीं, इसरो के अनुसार, ऑर्बिटर ने चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई से ली गईं ये तस्वीरें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में स्थित बोगस्लावस्की ई क्रेटर और उसके आस-पास की हैं। इसका व्यास 14 किलोमीटर और गहराई तीन किलोमीटर है।