गौरतलब है कि गोल्डन ग्लोब रेस के आयोजकों ने शनिवार को बताया था कि वह लापता भारतीय नाविक को सुरक्षित निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शुक्रवार को तूफान में फंसने की वजह से टॉमी की नौका का संपर्क टूट गया था। कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें कमर में गंभीर चोट आई, जिसकी वजह से वह उठ पाने में अक्षम हो गए और नाव में ही फंसे रहे। उनकी नौका पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ के तट से लगभग 3,704 किलोमीटर दूर है। इस दौरान उन्होंने एक संदेश भेजा था कि उन्हें चलने में काफी परेशानी हो रही है। स्ट्रेचर की जरूरत पड़ सकती है।
पीठ में आईं गहरी चोटें रक्षा मंत्रालय के मुताबिक,तूफान की वजह से 14 मीटर ऊंची लहरें उठ रही थीं। अभिलाष की पाल नौका को इन लहरों से गहरी क्षति पहुंची और वह खुद भी पीठ में गहरी चोट लगने से घायल हो गए। मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय नौसेना के पी8आई विमान ने अभिलाष की क्षतिग्रस्त नौका को देखा। इस विमान ने रविवार की सुबह मॉरीशस से उड़ान भरी थी। जब विमान नौका के ऊपर से उड़ा तब कमांडर टॉमी ने रेडियो तकनीक से संकेत दिए।
क्या है गोल्डन ग्लोब रेस गोल्डन ग्लोब रेस में नाव के माध्यम से 30,000 मील की एकल विश्व यात्रा की जाती है। इनमें उसी तरह की नाव इस्तेमाल की जाती हैं जैसी 50 साल पहले इस रेस में इस्तेमाल हुई थी। इसमें संचार उपकरणों के सिवाय किसी भी नई तकनीक के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होती। टॉमी की नौका भी पहली गोल्डन ग्लोब रेस के विजेता रॉबिन नॉक्स जॉन्स्टन के पोत सुहेली की नकल है।