पाकिस्तान और यूएई में रह रहा था अबू बकर इस मामले में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। वह पाकिस्तान और यूएई में रह रहा था। एजेंसियों ने खुफिया इनपुट के आधार पर उसे पकड़ा है। फिलहाल लंबे समय से मोस्ट वांटेड लिस्ट में चल रहे इन दोनों आतंकियों के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय एजेंसियां कोशिश कर रही हैं। अबू बकर का पूरा नाम अबू बकर अब्दुल गफूर शेख है। अबू बकर ने सोना,कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खाड़ी देशों से मुंबई और आस-पास के लैंडिग प्वाइंट में स्मगलिंग कर आपूर्ति की थी।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. 1997 में रेड कॉर्नर नोटिस जारी अबू बकर के खिलाफ साल 1997 में रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था। तभी से ही भारतीय एजेंसियां उसकी ताक में लगी थी। अबू बकर के दुबई से कई व्यापार हित जुड़े हैं। उसने ईरान की एक महिला से दूसरी शादी की है। गौरतलब है कि मुंबई में 12 मार्च 1993 को 12 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए, इसमें 257 लोग मारे गए थे। इस हादसे में 713 लोग घायल हुए थे। यह धमाके बॉम्बे स्टॉक एक्चेंज, नरसी नाथ स्ट्रीट, शिव सेना भवन, सेंचुरी बाजार, माहिम, झावेरी बाजार, सी रॉक होटल, प्लाजा सिनेमा, जूहू सेंटूर होटल, सहार हवाई अड्डा और एयरपोर्ट सेंटूर होटल के आस-पास हुए थे।
27 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान 13 बम धमाकों में 27 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इस मामले में चार नवंबर 1993 को दस हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें 189 लोगों को आरोपी बनाया गया। इन धमाकों में दाऊद इब्राहिम को मुख्य अभियुक्त बनाया गया, लेकिन उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। साल 2006 में मुंबई की अदालत ने जिन लोगों को धमाकों के लिए दोषी पाया उसमें मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम के अलावा टाईगर मेमन, याकूब मेमन, यूसुफ मेमन शामिल थे। दोषी मुस्तफा दौसा की साल 2017 में मुंबई के एक अस्पताल में मौत हो चुकी है और जबकि याकूब मेमन को फांसी हो चुकी है।