अफगान नेता ने पाक को सुनाई खरी-खरी, कहा- कश्मीर का ध्यान रख सकता है भारत मतभेद जल्द खत्म हो जाएंगे रूसी मंत्रालय का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों के बीच मतभेद जल्द खत्म हो जाएंगे। यह मसला राजनीतिक और राजनयिक स्तर पर हल हो सकता है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भारत के फैसले से तिलमिलाया हुआ है। उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बीते शुक्रवार को चीन पहुंचे और इस मुद्दे को उठाया। चीन ने जम्मू-कश्मीर के हालिया हालात पर चिंता व्यक्त की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज कर दिया है। उसने शिमला समझौते के तहत समस्या को सुलझाने की सलाह दी है। उसने भी कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला बताया है। इसमें तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
पाकिस्तान: मरियम नवाज को कोर्ट ने 21 अगस्त तक NAB की कस्टडी में भेजा पाकिस्तान को अमरीका से भी राहत नहीं मिली। यहां पर विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर पर अमरीकी नीति में कोई बदलाव नहीं है। वह प्रत्यक्ष तौर पर द्विपक्षीय वार्ता के लिए कहता है। अंत में चीन ने भी पाकिस्तान को इस मामले में समर्थन करने का आश्वासन दिया है। उसने कहा कि वह चाहता है कि कश्मीर मसले को यूएन के प्रस्ताव और शिमला समझौते के तहत सुलझाया जाए।
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