मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण से पहले डोमिनिकन के पीएम रूजवेल्ट ने कहा कि मेहुल चोकसी के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेहुल चोकसी पर कार्रवाई को लेकर अदालतें फैसला लेंगे। उन्होंने कहा “मेहुल चोकसी के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा जैसा कि अब तक किया गया है और अदालत को यह तय करने दें कि क्या होगा।” स्केरिट ने यह भी कहा कि अभी तक भगोड़े चोकसी के संबंध में कोई मुद्दा सामने नहीं आया है क्योंकि मामला भारत और एंटीगुआ के बीच का है।
भगोड़े मेहुल चोकसी को क्या डोमिनिका में किया गया था अगवा? एंटीगुआ पुलिस ने जांच शुरू की
उन्होंने आगे कहा, “हमारे पास कोई मामला नहीं है। जहां तक मामला एंटीगुआ या भारत से संबंधित है, हमें इस संबंध में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पहचानना चाहिए।” चोकसी को “भारतीय नागरिक” कहते हुए स्केरिट ने दोहराया कि अदालत चोकसी के लिए आगे की कार्रवाई तय करेगी और वह ऐसे मामलों में सार्वजनिक बयान देकर शामिल होना पसंद नहीं करता है।
स्केरिट ने कहा “मेहुल चोकसी का मामला अदालतों के सामने है, अदालतें तय करेंगी कि उनके साथ क्या करना और हम अदालत की प्रक्रिया को चलने देंगे, मुझे इन मामलों में सार्वजनिक बयान देकर शामिल होना पसंद नहीं है।”
एंटीगुआ से लापाता हो गया था मेहुल चोकसी
बता दें कि मेहुल चोकसी 23 मई को रात का खाना खाने के लिए घर से बाहर निकला जिसके बाद एंटीगुआ से लापता हो गया था और डोमिनिका में पकड़ा गया था। जबकि एंटीगुआ के प्रधान मंत्री ने बार-बार जोर देकर कहा कि चोकसी अपनी प्रेमिका के साथ आगकर डोमिनिका भाग गया था।
भगोड़े मेहुल चोकसी को वापस लाना सुनिश्चित करेगा भारत: विदेश मंत्रालय
मेहुल चोकसी की पत्नी प्रीति चोकसी और उनके वकीलों ने आरोप लगाया कि उसे एंटीगुआ से भारतीय अधिकारियों ने अपहरण किया था। उन्हें प्रताड़ित किया गया। हालांकि, मेहलु चोकसी पर डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने का आरोप लगाया गया है और वहां की एक अदालत ने इस मामले में 14 जून तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दिया है। इलाज के लिए मेहुल चोकसी को एक अस्पताल ले जाया गया है।
इसके बाद से स्केरिट खुद अपने देश के विरोध के निशाने पर आ गए हैं। उन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डोमिनिका की छवि खराब करने का आरोप लगाया जा रहा है। बता दें कि मेहुल चोकसी ने भारत से भागने के बाद एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली है और वहीं रह रहा है।