लेकिन इस बीच मेहुल चोकसी के भाई चेतन चोकसी से मुलाकात पर डोमिनिका के विपक्षी नेता लेनोक्स लिंटन ने सफाई सामने आई है। विपक्ष के नेता लिंटन ने चेतन चोकसी से मुलाकात की बात से साफ इनकार कर दिया है।
यह भी पढ़ेँः रिपोर्टः सुरक्षित नहीं आपकी Maggi, खुद Nestle ने माना 60 फीसदी प्रोडक्ट अनहेल्दी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को स्वदेश लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। में लगी है। इसके लिए भारत ने अपने आठ काबिल अफसरों को डोमिनिका भेजा है। ये अफसर बिजनेस प्लेन से डोमिनिका पहुंचे। हालांकि अब तक सरकार की ओर से इन अफसरों के बारे में कोई अपडेट नहीं दी गई है।
डोमिनिका कोर्ट में होगी सुनवाई
बुधवार 2 जून को डोमिनिका की कोर्ट मेहुल चोकसी पर अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट के फैसले से तय होगा कि चोकसी की भारत वापसी होगी या अभी और इंतजार करना होगा। बुधवार शाम 6.30 बजे डोमिनिका की अदालत में इसे लेकर सुनवाई होनी है।
बुधवार 2 जून को डोमिनिका की कोर्ट मेहुल चोकसी पर अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट के फैसले से तय होगा कि चोकसी की भारत वापसी होगी या अभी और इंतजार करना होगा। बुधवार शाम 6.30 बजे डोमिनिका की अदालत में इसे लेकर सुनवाई होनी है।
लेकिन इन सब घटनाक्रम के बीच एक बड़ी खबर ने सुर्खियां बंटोरना शुरू कर दिया। दरअसल मीडिया में ये खबर सामने आई कि मेहुल चोकसी के भाई चेतन चोकसी ने कोर्ट के फैसले से पहले डोमिनिका में विपक्ष के नेता से मुलाकात की।
हालांकि विपक्ष नेता लिंटन ने इस बात से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘दावा किया जा रहा है कि मैंने चेतन से मेरीगोट स्थित आवास पर मुलाकात की, लेकिन इस समय मेरीगोट में मेरा कोई घर नहीं है, जो घर था वह 2017 के तूफान में नष्ट हो गया था और मैं अब तक इसका पुनर्निर्माण करने में असमर्थ रहा हूं। मुझे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कभी भी कोई पैसा नहीं मिला है।’
कब होगी भारत वापसी?
डोमिनिका कोर्ट में शाम को सुनवाई से पहले मेहुल चोकसी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय डोमिनिका की अदालत में एक शपथ पत्र पेश करेगा। सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की टीम डोमिनिका की अदालत में जो शपथपत्र पेश करेगी उसमें मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस का प्रमुखता से जिक्र होगा।
डोमिनिका कोर्ट में शाम को सुनवाई से पहले मेहुल चोकसी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय डोमिनिका की अदालत में एक शपथ पत्र पेश करेगा। सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की टीम डोमिनिका की अदालत में जो शपथपत्र पेश करेगी उसमें मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस का प्रमुखता से जिक्र होगा।
इसी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर अदालत से मेहुल चोकसी को भारत को सौंपने की गुजारिश की जाएगी।
फंस सकता है ये पेंच
प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई के पूर्व निदेशक एपी सिंह के मुताबिक इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के हिसाब से डोमिनिका किसी भी समय मेहुल चोकसी को डिपोर्ट कर सकता है, क्योंकि उसका वहां पर कोई लीगल राइट यानी कानून अधिकार नहीं है।
फंस सकता है ये पेंच
प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई के पूर्व निदेशक एपी सिंह के मुताबिक इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के हिसाब से डोमिनिका किसी भी समय मेहुल चोकसी को डिपोर्ट कर सकता है, क्योंकि उसका वहां पर कोई लीगल राइट यानी कानून अधिकार नहीं है।
लेकिन डोमिनिक कोर्ट यह पाती है कि चोकसी का अपहरण हुआ या उसे जबर्दस्ती डोमिनिका लाया गया तो वहां की सरकार उसे एंटिगुआ को सौंप देगी, क्योंकि वह वहीं से आया हुआ था। यह भी पढ़ेंः कोरोना काल में ढाल बना दूध, जानिए शुगर और हार्ट रोगियों के लिए कैसे है फायदेमंद और इसे ना पीने वालों के लिए क्या है विकल्प इसलिए अपहरण का मामला
चोकसी के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट की याचिका में कहा है कि चोकसी एंटीगुआ से भागा नहीं था बल्कि हनी ट्रैप बिछाकर उसका अपहरण कर डोमेनिका ले आया गया था।
चोकसी के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट की याचिका में कहा है कि चोकसी एंटीगुआ से भागा नहीं था बल्कि हनी ट्रैप बिछाकर उसका अपहरण कर डोमेनिका ले आया गया था।
चोकसी का पिछले छह महीने से एक महिला के साथ दोस्ती थी। महिला ने 23 मई को एंटीगुआ के एक अपार्टमेंट में चोकसी को बुलाया, जहां तीन पुरुषों ने उसका अपहरण कर लिया और डोमेनिका ले गए।