ICJ में सुनवाई के दौरान भारत के पक्ष में 15-1 से फैसला लिया गया। कुल 16 जजों में जिस एक जज ने भारत के खिलाफ फैसला सुनाया, वो खुद पाकिस्तान के न्यायाधीश तसद्दुक हुसैन जिलानी थे।
भारत के पक्ष में दिए हर फैसले का पाक जज ने किया विरोध
ICJ ने बुधवार को भारत के पक्ष में सात फैसले दिए और जिलानी ने इन सातों पर अपनी असहमति जताई। जिलानी ने हालांकि, अन्य सदस्यों की तरह इस बात पर सहमति जताई कि इस मामले में ICJ सुनवाई कर सकता है। बता दें कि जिलानी जाधव मामले में तदर्थ (एडहॉक) न्यायाधीश हैं, जबकि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश दलवीर भंडारी आईसीजे के 15 स्थायी सदस्यों में से एक हैं।
फरवरी में पड़ा था दिल का दौरा
जाधव मामले में इसी साल फरवरी में सुनवाई हुई थी। भारत और पाकिस्तान दोनों से अंतिम बहस की सुनवाई के बाद, जिलानी केवल चौथे दिन ही कार्यवाही में शामिल हो पाए थे। दरअसल, उन्हें दिल का दौरा पड़ गया था। पाकिस्तान ने उस वक्त जिलानी की बीमारी का हवाला देते हुए ICJ से मामले को स्थगित करने का आग्रह भी किया था। लेकिन पाकिस्तान का कोई भी जज ICJ का सदस्य नहीं था, इसलिए पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जिलानी को एडहॉक जज के तौर पर नियुक्त किया गया था।
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कुलभूषण की फांसी पर जारी रहेगी रोक
बुधवार को अदालत ने जाधव को राजनयिक पहुंच देने के पक्ष में फैसला सुनाया और पाकिस्तान को उनकी फांसी पर रोक जारी रखने के लिए कहा। गौरतलब है कि भारतीय अप्रैल 2017 में नौसेना के अधिकारी जाधव को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद भारत ने फांसी पर रोक लगाने के लिए ICJ में अपील की थी।