अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष अब्दुल कावी अहमद यूसुफ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव को अधिकार है कि उन्हें काउंसलर एक्सेस मिले। आगे यह भी कहा कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है। बता दें कि फैसला सुनाने वाली बेंच में एडहॉक न्यायाधीश तस्सदुक हुसैन गिलानी समेत 16 न्यायाधीश शामिल रहे।
कुलभूषण जाधव केस सिर्फ एक रुपए में जीता भारत, पाकिस्तान ने खर्च किए 20 करोड़
कोर्ट ने क्या कहा..
ICJ ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए कहा कि जाधव के मामले में मानवाधिकार का उल्लंघन हुआ है। पाकिस्तान ने वियना समझौते का भी उल्लंघन किया है। भारतीय अधिकारी अब कुलभूषण जाधव से अब मिल सकेंगे।
बता दें कि काउंसलर एक्सेस में विदेशी नागरिक को अपने देश की वाणिज्य दूतावास और दूतावास के अधिकारी के संपर्क करने की इजाजत दी जाती है। पर पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को पाक में मौजूद किसी भी भारतीय अधिकारी से संपर्क करने नहीं दिया गया।
ICJ की 16 जजों की बेंच ने 15-1 से फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
यदि पाकिस्तान ICJ के आदेश को नहीं मानता है तो भारत सुरक्षा परिषद में अपील कर सकता है।
16 जजों की बेंच ने सुनाया फैसला
बता दें कि कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई 16 जजों की बेंच ने की। ICJ के प्रमुख जज अब्दुलकावि अहमद युसूफ की अध्यक्षता में कुलभूषण मामले की सुनवाई हुई। 16 जजों की टीम में ये शामिल रहे..
इंटरनेशनल जस्टिस ऑफ कोर्ट के प्रमुख अब्दुलकावि अहमद युसूफ सोमालिया के हैं। वे 2018 से इस पद पर तैनात हैं। इससे पहले तीन साल तक वह ICJ के उपाध्यक्ष ( Vice president ) रह चुके हैं।
UNESCO के लीगल एडवाइजर भी रह चुके अब्दुलकावि को भारत की कलिंगा यूनिवर्सिटी से सम्मानित भी किया जा चुका है।
कुलभूषण जाधव मामला: जानिए ICJ के फैसले से जुड़ी ये बड़ी बातें
भारत और पाकिस्तान से भी एक-एक जज
16 जजों की टीम में एक-एक भारत और पाकिस्तान के जज भी शामिल हैं। भारत की ओर से जस्टिस दलवीर भंडारी जबकि पाकिस्तान की तरफ से तस्सदुक हुसैन जिलानी इस टीम के हिस्सा हैं।
जस्टिस भंडारी 2012 से अंतरराष्ट्रीय अदालत के जज हैं। वहीं जिलानी बेंच के परमानेंट हिस्सा नहीं हैं। जिलानी की एंट्री एडहॉक जज के तौर पर हुई थी। बता दें कि ऐसा तभी किया जाता है, जब उस देश का सदस्य टीम का हिस्सा नहीं होता है। इनके अलावा ये जज भी शामिल रहे..
जस्टिस जेम्ल रिचर्ड क्रॉफोर्ड (ऑस्ट्रेलिया)
जस्टिस किरिल गेवोर्जिअन (रूस फेडरेशन)
जस्टिस एंटोनियो ऑगस्टो ट्रिनडाडे (ब्राजील)
जस्टिस पैट्रिक लिप्टन रॉबिनसन (जमैका)
ICJ उपाध्यक्ष शू हांकिन (चीन)
जस्टिस यूजी इवसावा (जापान)
जस्टिस मोहम्मद बेनौना (मोरक्को)
जस्टिस पीटर टॉमका (स्लोवाकिया)
जस्टिस जूलिया सेबुटिंडे (यूगांडा)
जस्टिस नवाज सलाम (लेबनान)
ICJ में पाक की किरकिरी: साल्वे फैसले के बाद हरीश साल्वे ने कहा कि भारत के लिए तय करने का समय है कि ICJ में जाधव को निष्पक्ष सुनवाई का मौका मिले। यदि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो हम एक बार फिर ICJ का रूख कर सकते हैं।ICJ की कानूनी सलाहकार ने किया ट्वीट
आईसीजे की कानून सलाहकार रीमा ओमेर ने ट्वीट करते कहा कि भारत को काउंसलर एक्सेस मिलेगा। उनके मुताबिक यह भारत की बड़ी जीत है। आईसीजे ने भारत के पक्ष में माना कि जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.