ICJ ने अपने फैसले में जाधव के फांसी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को कहा है।
ICJ ने कहा कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है। लिहाजा अपने फैसले पर पाकिस्तान पुनर्विचार करें और जाधव मामले की सुनवाई फिर से करें।
बता दें कि ICJ की 16 जजों की बेंच ने 15-1 से फैसला सुनाया है। जाधव के किस्तम का फैसला लिखने वाले ये 16 जज कौन हैं? आइए जानते हैं..
ICJ अध्यक्ष अब्दुलकवी अहमद यूसुफ
अंतर्राष्ट्रीय अदालत के अध्यक्ष अब्दुलकवी अहमद यूसुफ सोमालिया के हैं। वे फरवरी 2018 में ICJ के अध्यक्ष चुने गए थे। इससे पहले तीन साल तक वह ICJ के उपाध्यक्ष ( Vice president ) रह चुके हैं।
UNESCO के लीगल एडवाइजर भी रह चुके अब्दुलकावि को भारत की कलिंगा यूनिवर्सिटी से सम्मानित भी किया जा चुका है।
ICJ उपाध्यक्ष शू हांकिन (चीन)
चीन की शू हांकिन अंतर्राष्ट्रीय अदालत की सदस्य हैं जो जून 2010 से इस पद पर हैं। 2012 शू को दौबारा चुना गया था।6 फरवरी 2018 को शू हांकिन ICJ की उपाध्यक्ष चुनी गई थीं। शू चीन के लीगल लॉ डिवीजन की हेड और नीदरलैंड में चीन की राजदूत थीं।
जस्टिस पीटर टॉमका (स्लोवाकिया)
जस्टिस पीटर टॉमका स्लोवाकिया के रहने वाले हैं। जजों के इस पैनल में वे सबसे वरिष्ठ हैं। पीटर संयुक्त राष्ट्र में स्लोवाकिया के राजदूत भी रह चुके हैं।
पीटर वर्ष 2003 से ICJ के साथ जुड़े हैं। 2012 से 2015 तक ICJ के अध्यक्ष रहे। वे अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
जस्टिस दलवीर भंडारी (भारत)
जस्टिस दलवीर भंडारी अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में इकलौते भारतीय जज हैं। जस्टिस भंडारी 2012 से ICJ के सदस्य हैं, फरवरी 2018 में वह फिर से इसके सदस्य चुने गए थे।
जस्टिस मोहम्मद बेनौना (मोरक्को)
जस्टिस मोहम्मद बेनौना मोरक्को के रहने वाले हैं जो 2006 से ICJ के सदस्य हैं। बेनौना साल 2001 से लेकर 2006 तक मोरक्को के स्थाई प्रतिनिधि के तौर पर संयुक्त राष्ट्र में रह चुके हैं। 2015 में बेनौना फिर से चुनकर ICJ में पहुंचे थे।
जस्टिस तस्सदुक हुसैन जिलानी (पाकिस्तान)
पाकिस्तान ने रहने वाले जस्टिस तस्सदुक हुसैन जिलानी को जाधव केस में एक एड-हॉक जज के तौर पर नियुक्त किया है। जिलानी बेंच के परमानेंट हिस्सा नहीं हैं। बता दें कि ऐसा तभी किया जाता है, जब उस देश का सदस्य टीम का हिस्सा नहीं होता है। जिलानी पाकिस्तान के चीफ जस्टिस के तौर पर एक साल काम कर चुके हैं।
जस्टिस एंटोनियो ऑगस्टो ट्रिनडाडे (ब्राजील)
एंटोनियो ऑगस्टो ट्रिनडाडे ब्राजील के रहने वाले हैं। वे 2009 से ICJ के सदस्य हैं। बीते साल फरवरी 2018 में वे फिर से चुने गए थे। साल 2017 में भी जाधव मामले में सुनवाई के दौरान भारत का साथ दिया था।
जस्टिस रॉनी अब्राहम (फ्रांस)
जस्टिस रॉनी अब्राहम फ्रांस की रहने वाली है। कुलभूषण जाधव का केस जब दायर किया गया था उस वक्त रॉनी अब्राहम ICJ के अध्यक्ष थे। जज रॉनी फ्रांस के विदेश मंत्रालय में लीगल एडवाइजर हैं। साल 2005 से अब्राहम ICJ से जुड़े हुए हैं। साल 2015 से 2018 तक वे ICJ के अध्यक्ष भी रहे हैं। 6 फरवरी 2018 को रॉनी फिर से चुने गए।
जस्टिस जोआन ई. डोनोह्यू (अमरीका)
अमरीका की जस्टिस जोआन ई. डोनोह्यू 2010 से ICJ की सदस्य हैं। 2015 में जोआन फिर से चुनकर आई थीं। अमरीका के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट का हिस्सा रह चुकीं डोनाह्यू पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को अंतर्राष्ट्रीय कानून पर सलाह देती थीं।
जस्टिस जॉर्जिओ गजा (इटली)
इटली के रहने वाले जज जॉर्जिओ गजा फरवरी 2012 से अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के सदस्य हैं। इटली सरकार की तरफ से गजा ICJ में अधिवक्ता के तौर पर भी जा चुके हैं। गजा इंटरनेशनल लॉ कमिशन के सदस्य भी रह चुके हैं।
जस्टिस पैट्रिक लिप्टन रॉबिंसन (जमैका)
जस्टिस पैट्रिक लिप्टन रॉबिंसन जमैका के रहने वाले हैं। फरवरी 2015 से ICJ के सदस्य हैं। रॉबिंसन 26 सालों तक संयुक्त राष्ट्र के छठे लीगल कमेटी के सदस्य रहे हैं।
जस्टिस जेम्ल रिचर्ड क्रॉफोर्ड (ऑस्ट्रेलिया)
ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले जस्टिस जेम्ल रिचर्ड क्रॉफोर्ड 2015 से ICJ के सदस्य हैं। रिचर्ड भारत के खिलाफ 2 बार पैरवी कर चुके हैं। पहली बार भारत पाकिस्तान के बीच किशनगंगा डैम विवाद मामले में क्रॉफोर्ड ने पाकिस्तान की तरफ से, जबकि दूसरी बार मैरिटाइम बाउंड्री विवाद में बांग्लादेश की तरफ से पैरवी की है।
जस्टिस जूलिया सेबुटिंडे (यूगांडा)
यूगांडा के जस्टिस जूलिया सेबुटिंडे यूगांडा के रहने वाले हैं। जूलिया युगांडा के हाई कोर्ट की जज रह चुकीं हैं। वह साल 2012 से ICJ की सदस्य हैं।
जस्टिस किरिल गेवोर्जिअन (रूस)जस्टिस नवाज सलाम (लेबनान)
जस्टिस नवाज सलाम लेबनान के रहने वाले हैं जो ICJ के सबसे नए सदस्य हैं। 2007 से 2017 तक वे संयुक्त राष्ट्र में लेबनान के राजदूत और स्थायी सदस्य रह चुके हैं। 6 जनवरी 2018 को उन्हें ICJ के जज के तौर पर चुना गया थे।
जस्टिस यूजी इवसावा (जापान)
जस्टिस यूजी इवसावा जापान के रहने वाले हैं जो जाधव मामले कि सुनवाई कर रही पैनल में सबसे नए जजों में से एक हैं। इवसावा मानवाधिकारों के दुनिया में सबसे बड़े महारथियों में से एक हैं।
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