डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से खड़े जो बिडेन (Joe Biden) का कहना है कि वह अगर राष्ट्रपति बनते हैं तो भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स में सबसे अधिक मांग वाले एच-1बी H-1B Visa से बैन को हटा लेंगे। गौरतलब है कि बीते दिनों अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अमरीकियों में बेरोजगारी को कम करने के नाम पर इस वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे हजारों भारतीय प्रोफेनल्स को अमरीका में काम करने का मौका नहीं मिल सकेगा।
उपराष्ट्रपति रह चुके जो बिडेन ने आठ साल के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा, “हमारे प्रशासन में मुझे यूएस-इंडिया सिविल न्यूक्लियर एग्रीमेंट के लिए कांग्रेस की मंजूरी हासिल करने का जिम्मा मिला था। एक दशक से अधिक समय पहले उन्हें ये भूमिका निभाने पर गर्व है,जो एक बड़ी बात है।” उन्होंने कहा कि हमारे संबंधों में महान प्रगति के द्वार खोलने में मदद करना और भारत के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना ओबामा-बिडेन प्रशासन में एक उच्च प्राथमिकता थी।
बिडेन ने भारत को पुराना मित्र बताया जो बिडेन का कहना है कि अगर वे राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो वो भारत और अमरीका के रिश्ते को और बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे। यह उनके प्रशासन की पहली प्राथमिकता होगी। बिडेन ने भारत को अमरीका का नेचुरल पार्टनर बताया है। उन्होंने कहा कि अगर वे राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स द्वारा सबसे अधिक मांग वाले एच-1 बी वीजा पर अस्थायी निलंबन को हटा देंगे।
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन से एक वर्चुअल फंज रेजर समारोह में अमरीका और भारत के बीच संबंधों को लेकर सवाल किया गया था। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “हमारी सुरक्षा की खातिर पार्टनर के तौर पर हमें भारत की जरूरत है और उनकी सुरक्षा के लिए भी यह काफी अहम है।”
H-1B वीजा क्या है? अमरीका में कार्यरत कंपनियां अगर किसी विदेशी व्यक्ति को नियुक्त करना चाहती हैं तो कर्मचारी के पास H-1B वीजा का होना जरूरी है। इस वर्क परमिट के बिना वह अमरीका में किसी कंपनी में काम नहीं कर सकता है। भारत से बड़ी संख्या में आईटी पेशेवर इस वीजा पर अमरीका में काम करने पहुंचते हैं। H-1B Visa के लिए किसी व्यक्ति की तरफ से कंपनी को आवेदन करना होता है। H-1B वीजा तीन साल तक के लिए होता है। इसके 6 साल तक बढ़ाया जा सकता है।