संयुक्त राष्ट्र ने ISIS की दक्षिण एशिया शाखा ISIL-K पर लगाया प्रतिबंध
क्या था इजराइल का प्रस्ताव?
इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र में फिलीस्तीन के एक फैसले को लेकर प्रस्ताव रखा था। अपने प्रस्ताव में इजराइल ने फिलीस्तीन के एक गैर-सरकारी संगठन ‘शहीद’ को सलाहकार का दर्जा दिए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। इजराइल ने यह आरोप लगाया है कि इस संगठन ने हमास के साथ अपने रिश्तों को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है। बीते 6 जून को इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में प्रस्ताव का मसौदा ‘L.15’ पेश किया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 28 वोट पड़े जबकि विरोध में 14 देशों ने मतदान किया। साथ ही पांच देशों ने इस प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। इस तरह से आखिरकार संगठन को संयुक्त राष्ट्र में पर्यवेक्षक का दर्जा देने का प्रस्ताव खारिज हो गया। बता दें कि प्रस्ताव के पक्ष में ब्राजील , कनाडा, कोलंबिया, फ्रांस , जर्मनी , भारत, आयरलैंड, जापान , कोरिया, यूक्रेन , ब्रिटेन और अमरीका ने वोट किया, जबकि विरोध में मिस्र, पाकिस्तान , तुर्की , वेनेजुएला , यमन, ईरान और चीन समेत 14 देशों ने वोट किया। इसके साथ ही अब परिषद ने संगठन के आवेदन को लौटाने का फैसला किया है, क्योंकि इस साल की शुरूआत में जब विचार किया जा रहा था तो संगठन की ओर से कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां नहीं दी जा सकी थी।
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इजराइल ने भारत का जताया आभार
संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव के समर्थन में वोट करने को लेकर इजराइल ने भारत का आभार व्यक्त किया है। दिल्ली स्थिति इजराइली दूतावास ने कहा भारत के इस फैसले के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। इजराइली डिप्लोमैट माया कडोश ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने को लेकर भारत का आभार जताते हुए एक ट्वीट किया। उसमें उन्होंने लिखा ‘इजराइल के साथ खड़े रहने और आतंकी संगठन ‘शहीद’ को पर्यवेक्षक का दर्जा देने की अपील को खारिज करने के लिए भारत का बहुत-बहुत शुक्रिया। जिन आतंकी संगठनों का मकसद हमारा नुकसान पहुंचाना है, हम साथ मिलकर उन आतंकी संगठन के खिलाफ काम करते रहेंगे।’
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भारत-इजराइल के बीच नजदीकियां
बता दें कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ पीएम मोदी ( Narendra Modi ) के व्यक्तिगत संबंध बहुत ही मधुर बने हैं। इसका सीधा फायदा भारत को मिल रहा है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ( Prime Minister Benjamin Netanyahu ) के साथ पीएम मोदी के घनिष्ठ संबंध हैं। दोनों एक-दूसरे को प्रिय मित्र मानते हैं। अभी हाल ही में लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत पर बेंजामिन नेतन्याहू ने मोदी को व्यक्तिगत तौर पर फोन कर बधाई दी थी। इससे पहले जब नेतन्याहू भारत आए थे तो पीएम मोदी ने उनका भव्य स्वागत किया था। इसके अलावा पहली बार ऐसा हुआ था कि भारत के किसी प्रधानमंत्री ने सिर्फ इजराइल की यात्रा की थी, जब पहली बार नरेंद्र मोदी इजराइल गए थे। ऐसा माना जाता रहा है कि फिलीस्तीन को नाराज नहीं करने के लिए हमेशा से भारत के प्रधानमंत्री दोनों देशों की यात्रा करते थे।
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