भारत के साथ साथ-साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे ( Ireland, Mexico and Norway ) ने भी संयुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्य ( Temporary member in the United Nations ) के तौर पर अपनी जीत दर्ज की। जीत के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत नेतृत्व जारी रखेगा और एक बेहतर बहुपक्षीय व्यवस्था को नई दिशा देगा। 193 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव कराया था। इस चुनाव में भारत को 192 बैलट वोट्स में से 184 वोट मिले। भारत का कार्यकाल 1 जनवरी 2021 से शुरू होगा।
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तिरुमूर्ति ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि भारत को साल 2021-22 के लिए UNSC का अस्थाई सदस्य चुन लिया गया है। हमें भारी समर्थन मिला है और संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने जो विश्वास जताया है उससे विनम्र महसूस कर रहा हूं।’
अमरीका ने किया स्वागत
संयुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्य के तौर पर जीत दर्ज करने के बाद अमरीका ने भारत का स्वागत किया है। अमरीका ( America ) ने कहा है कि हम भारत का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सफल चुनाव के लिए बधाई देते हैं। अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर भारत-अमरीका साथ मिलकर काम करने को उत्साहित हैं। हमारे बीच सहभागिता की वैश्विक रणनीति है।
भारत की जीत से पाकिस्तान परेशान
संयुक्त राष्ट्र में भारत को अस्थायी सदस्यता मिलने के बाद पाकिस्तान ( Pakistan ) परेशान है। मतदान से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने एक बयान में कहा कि UNSC में भारत की जीत हमारे लिए एक चिंता का विषय है।
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उन्होंने कहा कि भारत हमेशा इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा है। हालांकि भारत इससे पहसे भी सात बार अस्थायी सदस्य रह चुका है और इस बार अस्थायी सदस्य बनने से आसमान नहीं फट जाएगा।
भारत अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति के लिए काम करेगा: पीएम मोदी
सुरक्षा परिषद में भारत की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narndra Modi ) ने खुशी जाहिर की और एक ट्वीट करते हुए कहा कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की अस्थाई सदस्यता के लिए दुनिया ने समर्थन और सहयोग दिया। मैं उनका आभार प्रकट करता हूं। भारत सभी के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और बराबरी के लिए काम करेगा।
8वीं बार भारत बना अस्थायी सदस्य
आपको बता दें कि भारत 8वीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बना है। भारत पहली बार 1950 में अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था। भारत ने 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में जीत दर्ज कर चुका है।
10 अस्थाई सीटों का वितरण क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। इसमें एशियाई और अफ्रीकी देशों के लिए पांच, पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए एक, दक्षिण अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के लिए दो और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों के लिए दो सीटें निर्धारित की गई हैं।
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आपको बता दें कि सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर पर चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को महासभा में मौजूद और मतदान करने वाले सदस्य देशों के वोटों का दो-तिहाई बहुमत चाहिए होता है। 193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र में भारत को जीत के लिए दो-तिहाई यानी 128 देशों के समर्थन की जरूरत थी। सदस्य देश सीक्रेट बैलेट से मतदान करते हैं।
हर साल पांच अस्थायी सीटों के लिए होते हैं चुनाव
मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें से पांच ( अमरीका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन ) स्थायी सदस्य हैं। वहीं हर वर्ष दो साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा पांच अस्थायी सदस्यों (बाकी के 10 में से) का चुनाव करवाती है। पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमरीका और कैरिबियाई देशों और दो पश्चिमी यूरोपीय और अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं।
इस बार भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र से अस्थायी सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था। ऐसे में भारत की जीत पक्की थी। पिछले साल जून में चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह ने भारत का समर्थन किया था।
मैक्सिको, आयरलैंड और नॉर्वे ने भी जीत दर्ज की
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के अस्थायी सदस्य के तौर पर मैक्सिको, आयरलैंड और नॉर्वे ने भी जीत दर्ज की है। दो सीटों पर आरलैंड, नॉर्वे और कनाडा के बीच टक्कर थी, लेकिन कनाडा ने आवश्यक न्यूनतम 128 वोट हासिल करने में विफल रहा। वहीं नॉर्वे ने 130 और आयरलैंड ने 128 वोटों के साथ जीत दर्ज की।