अजरबैजान ने किया था पाकिस्तान का समर्थन
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक के दौरान इमरान खान ने राष्ट्रपति अलीयेव के उन प्रयासों की भी सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल इस्लामिक सहयोग संगठन के एक संपर्क समूह की बैठक में अजरबैजान ने जम्मू एवं कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का खुले तौर पर समर्थन किया था। खान ने राष्ट्रपति अलीयेव को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में कथित तौर पर लगातार किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन की जानकारी भी दी।
पाकिस्तान के निरंतर समर्थन को दोहराया
इमरान ने अजरबैजान के राष्ट्रपति को पांच अगस्त, 2019 को भारत सरकार द्वारा कश्मीर पर उठाए गए कथित रूप से एकतरफा कदमों के प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी। अजरबैजान के राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक में प्रधानमंत्री खान ने नागोर्नो-करबाख के मुद्दे पर मध्य एशियाई देश के लिए पाकिस्तान के निरंतर समर्थन को दोहराया। इस दौरान दोनों नेताओं की लगातार द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने पर भी सहमति बनी। बैठक के दौरान राष्ट्रपति अलीयेव ने प्रधानमंत्री खान को अपने देश की यात्रा का निमंत्रण भी दिया।
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आर्टिकल 370 मुद्दे पर पाकिस्तान की आपत्ति
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान भारत की ओर से जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद से ही बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान हर मंच पर कश्मीर के मुद्दे को उठाते हुए भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाता रहा है, मगर उसे इसमें कहीं से भी सफलता हासिल नहीं हो पा रही है। पाकिस्तान ने हाल ही में चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक बैठक में कश्मीर मुद्दे को उठाया जरूर, मगर उसे यहां पर भी मुंह की खानी पड़ी।