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मसूद अजहर पर बैन का ग्लोबल इफेक्ट, घुटने टेकने पर मजबूर होगा मोस्ट वांटेड आतंकी

लंबे इंतजार के बाद भारत को मिली बड़ी कामयाबी
वैश्विक आतंकी घोषित हुआ जैश सरगना मसूद अजहर
चीन के वीटो हटाने के बाद आतंकी घोषित करने का रास्ता साफ

May 03, 2019 / 07:27 am

Siddharth Priyadarshi

नई दिल्ली। मोस्ट वांटेड आतंकवादी मसूद अजहर ( Masood Azhar ) पर बैन लगाने की भारत की कोशिशें आखिरकार कामयाब हो गई हैं। बुधवार देर शाम हुई सुरक्षा परिषद की बैठक में चीन ने मसूद अजहर मामले पर लगाया हुआ अपना टेक्नीकल वीटो वापस ले लिया और इसके साथ ही परिषद ने मसूद पर बैन लगाने की औचारिकता को मिनटों में समेट कर भारत को वह सब दे दिया, जिसके लिए देश पिछले तीन साल से पुरजोर कोशिश कर रहा था। तो अब जबकि मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित हो चुका है, आइए इस बात पर नजर डालते हैं कि मसूद को आतंकी घोषित करने से दुनिया भर में इसका क्या असर होगा? भारत के लिए यह कितना मुफीद है और इसके बाद आतंक के काले कारोबार पर इसका क्या असर होगा?

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क्यों जरूरी था मसूद पर बैन

मसूद अजहर पर बैन भारत के लिए एक बेहद अहम कूटनीतिक जीत लेकर आया है। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को मसूद अजहर को “वैश्विक आतंकवादी” के रूप में नामित किया। आपको बता दें कि पहले कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चला चुके अजहर को 1994 में श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था। मगर, कंधार विमान अपहरण कांड के बाद भारत सरकार को उसे रिहा करना पड़ा था। रिहा होने के बाद मसूद ने जैश-ए-मोहम्मद नाम से एक खूंखार आतंकी संगठन बनाया, जिसका अर्थ है ‘मोहम्मद की सेना’। उसके बाद से इस संगठन ने भारत में एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया है। 2001 में संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट हमला और हाल में ही पुलवामा हमले की जिम्मेदारी इस संगठन ने ली। मासूस के बैन होने के पीछे सबसे अहम है कश्मीर फैक्टर। कश्मीर में आतंकी वारदात के वजह से मसूद को दुनिया भर में आतंकी घोषित किया जाना भारत के लिहाज से बेहद अहम है। क्योंकि कश्मीर को दुनिया के कई देश भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद का मुद्दा मानते रहे हैं, ऐसे में मसूद का कश्मीर हिंसा मामले को लेकर आतंकी घोषित होना कहीं न कहीं भारत का दावा कश्मीर पर और भी मजबूत करता है।

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क्या होगा बैन का असर

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती बम विस्फोट में लगभग 50 जवानों के मारे जाने की जिम्मेदारी जैश द्वारा लेने के बाद 26 फरवरी को भारतीय जेट विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में एक जेएम शिविर पर बमबारी की। अजहर के बारे में परस्पर विरोधी खबरें हैं, कुछ का दावा है कि हवाई हमले में उसकी मौत हो गई। पाकिस्तान ने कहा है कि वह बीमार है उसके गुर्दे की बीमारी का इलाज किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति की स्थापना 1999 में संकल्प 1267 के तहत की गई थी, जिसने तालिबान पर सीमित प्रतिबंध लगाए थे।अब मसूद अजहर भी उसी कैटेगरी में बैन हुआ है। आइए आपको बताते हैं कि बैन के बाद दुनिया में इसका क्या असर होगा-

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मसूद पर बैन के बाद संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राज्यों को बिना किसी देरी के मसूद अजहर के धन और अन्य वित्तीय संपत्तियों को फ्रीज करना होगा। मसूद पर यात्रा प्रतिबंध लग जाएगा। यानी वह किसी सदस्य देश में घुसने में कामयाब नहीं रहेगा। वह दुनिया के किसी देश में संपत्ति नहीं रख पाएगा। दुनिया के जिन-जिन देशों में उससे जुड़े बैंक खाते होंगे, वो सब फ्रीज हो जाएंगे और वह एक एक पैसे को मोहताज हो जाएगा। वह कोई नया संगठन नहीं बना सकेगा। वह हथियारों का व्यपार नहीं कर सकेगा। मसूद अजहर किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियां नहीं कर सकेगा।बैन के बाद पाकिस्तान को मसूद अजहर के टेरर कैंप और उसके मदरसों को भी बंद करना पड़ेगा।एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में अजहर का पदनाम पाकिस्तान को उसके और उसके साथ जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर करेगा। इसका असर यह होगा कि पाक को अजहर पर कड़ी करवाई करनी होगी और उसके संगठन, आतंकी शिविरों और मदरसों को बंद करना होगा।

 

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